प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार (4 जनवरी 2021) को नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव (राष्ट्रीय माप पद्धति) को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, कोई भी रिसर्च माप और नाप के बिना नहीं की जा सकती है। पीएम मोदी ने इसके साथ ही नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य और एनवायरमेंटल स्टैंडर्ड लैबोरेट्री की आधारशिला भी रखी। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदीने कहा, कोरोना वैक्सीन का बड़ा प्रोग्राम शुरू हो रहा है। हमें अपने वैज्ञानिकों के काम पर गर्व है। नए साल में भारत में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली है। पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर हो में या प्राइवेट। प्रोडक्ट्स की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट। हमारे क्वालिटी स्टैंडर्ड ये तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़े। उन्होंने कहा, एससीआईआर के वैज्ञानिक देश के ज्यादा से ज्यादा छात्रों के साथ संवाद करें, कोरोना काल के अपने अनुभवों को और इस शोध क्षेत्र में किये गए कामों को नई पीढ़ी से साझा करें। इससे आने वाले कल में आपको युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी। कॉन्क्लेव में पीएमने कहा, देश 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, नए मानकों, नए पैमानों, नई स्टैंडर्ड्स और न्यू बेंचमार्कस को सेट करने की दिशा में आगे बढ़ना ही है।
प्रधानमंत्रीने कहा, आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक द्रव्य का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा, नेशनल अटॉमिक टाइमस्केल के जरिए भारत अब सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में सक्षम है। अतीत ने हमें सिखाया कि जितना एक देश साइंस पर जोर देगा, उतनी ही उसकी तकनीक आगे बढ़ेगी। इस टेक्नोलॉजी के जरिए नई इंडस्ट्रीज बनेंगी और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगी। इस साइकल के जरिए देश आगे बढ़ेगा। पीएमने कहा, ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में भारत टॉप 50 देशों में शामिल है और रिसर्च की आत्मा कभी नहीं मरती है। युवाओं के पास रिसर्च और इनोवेशन में आपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में बढ़ा रहा है। लेकिन एयर क्वॉलिटी और एमिशन की मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है।
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