गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सरकारी समारोह में साफ शब्दों में कहा कि विकास के कामों से वोट नहीं मिलते। चुनाव जीतने के लिए तो अलग दवा करनी पड़ती है। उपमुख्यमंत्री एक अंडरपास के उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने गुजरात में विकास के बहुत काम किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसा काम करना चाहते हैं ताकि लोग वर्षों तक उनको याद रख सके। साथी नितिन पटेल ने यह भी कहा कि काम कितने भी करा दे लेकिन लोग वोट काम के आधार पर नहीं करते हैं। नितिन पटेल ने पार्टी समर्थकों वह अपने प्रशंसकों के सामने हंसते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए तो अलग दवा करनी पड़ती है। कहीं पर एलोपैथी की दवा काम आती है कहीं आयुर्वेदिक तो कहीं होम्योपैथी की दवा से चुनाव जीता जाता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव जीतने का गणित बिल्कुल अलग होता है, चुनाव को एक रणनीति व समीकरण के तहत जीता जाता है।
राजनीतिक गलियारों में नितिन पटेल के इन बयानों का अलग ही अर्थ निकाला जा रहा है कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी जहां इसे भ्रष्टाचार की खुली स्वीकारोक्ति मानते हैं वही उनका यह भी मानना है कि सरकार के नंबर दो मंत्री जब सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर रहे हैं तो प्रदेश की जनता को इस पर विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही गुजरात में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 8 सीटों पर कब्जा जमा लिया था।
राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था इनमें से पांच-पांच पूर्व विधायकों को भाजपा ने टिकट देकर मैदान में उतार दिया था। पांचों पूर्व विधायक सहित 8 सीट पर भाजपा की जीत हुई और उसी जीत की खुशी में शायद उपमुख्यमंत्री सार्वजनिक सभा में चुनाव जीतने के फार्मूले पर चर्चा कर रहे थे। हालांकि नितिन पटेल की इस टिप्पणी पर फिलहाल सरकार तथा भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है लेकिन राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को जरूर इससे झटका लग सकता है।