भगवान जगन्नाथजी की १४०वीं रथयात्रा आज दोपहर में ननिहाल में पहुंच गई तब ननिहालवासी प्रसन्न हो गये थे । भगवान का स्वागत और विशेष करके साधु-संतों, महंतो और उनके लाखों भक्तों के लिए ननिहालवासी ने पहले से ही सभी व्यवस्था की गई थी । सरसपुर की १५ से ज्यादा पोल में रथयात्रा में आये सभी साधु-संतों, महंतो, रथयात्रियों, भक्तों सहित डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को सम्मान और प्रेमपूर्वक खिलाया गया था । भगवान के भक्त भी ननिहालवासी का सेवा प्रेम देखकर संतोष व्यक्त किया था और भोजन-प्रसाद पाकर संतुष्ट हो गये थे । सरसपुर की पोल में आज भक्तों की खाने की परंपरागत और बुके के दृश्य सामान्य बन गये थे ।
सरसपुर ननिहाल में लाखों भक्तों के लिए खाने की गई व्यवस्था के बारे में जगन्नाथ महादेव के ट्रस्टी विपुलभाई त्रिवेदी और वर्षों से यह सेवा में शामिल हुए सरसपुर व्यापारी महाजन एसोसिएशन के अग्रणी बीपिनभाई बारोट ने बताया है कि, सरसपुर की १५ से पोल में रथयात्रा में शामिल हुए सभी साधु-संतों, महंतों, भक्तों सहित के सभी के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था की गई थी । सबसे ज्यादा खाना लवार शेरी, वासण शेरी में था । यह सिवाय सालवी वाड, पडिया की पोल, गांधी की पोल, लीमडा पोल, पीपला पोल, आंबली वाड, कडियावाड, तडिया की पोल, स्वामीनारायण मंदिर-आंबेडकर होल सहित की पोल में नगरजनों के लिए भोजन-खाने की व्यवस्था की गई थी । भक्तों को यह सभी पोल में दाल-भात, दो प्रकार की सब्जी, फुलवडी, बुंदी लड्डू, मोहनथाल सहित की आइटम आदर और प्रेम के साथ खिलाया गया था । सभी भक्तों को सम्मान और प्रेम के साथ खिलाया गया था । रथयात्रियों और भक्तों को ननिहाल में प्रेमपूर्वक भोजन-प्रसाद पाकर संतुष्ट हो गये थे । इसी दौरान सरसपुर की वासणशेरी में भलाभगत के रणछोडजी मंदिर में रविवार को साधु-संतों, महंतों सहित सभी भक्तों के लिए भंडारा रखा गया था । वासण शेरी में रविवार को रथयात्रा में आये सभी लोगों के लिए पूरी, दो प्रकार की सब्जी, दाल-भात, बुंदी और फुलवडी का भोजन दिया गया था ।