रथयात्रा सरसपुर के ननिहाल से विदाई ले उसके बाद ननिहालवासी भोजन करते है और वह भी अपने घर में बनाया गया भोजन ही करते है । भगवान के भक्तों के लिए पोल में बनाये गये स्वादिष्ट आइटम सहित का भोजन नहीं करते है । हालांकि अधिकतर ननिहालवासी तो, रथयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो और निजमंदिर में वापस आये उसके बाद ही खाते है । यह रथयात्रा की एक विशेषता है । इतने वर्षों के इतिहास में लाखों की संख्या में भक्त सहित के नगरजनों ने सरसपुर की १५ से ज्यादा पोल में हर वर्ष रथयात्रा के दिन प्रेम और आदरपूर्वक खाते है, लेकिन अभी तक कभी भी खाना कम नहीं हुआ है । भगवान का ऐसा चमत्कार है कि, लाखों की संख्या में लोग खाते है फिर भी अभी तक कभी भी खाना खराब नहीं हुआ है, कभी भी खाना कम नहीं हुआ है । सरसपुर के स्थानीय लोग तो वर्षों से भगवान जगन्नाथजी और अपने भक्तों की सेवा में तत्पर रहते है । उल्लेखनीय बात है कि ८-९ दिन की मेहनत के बाद भक्तों के लिए बनाये गये खाने से यह पोल का एक भी व्यक्ति नहीं खाता है, वह तो अपने घर में खाना खाते है । बस भगवान के यह पुण्यकार्य में वह तो सेवा देने के लिए इच्छुक रहते है ।