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कनाडा में भारतीयों ने चीनी दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

गलवान में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद दुनिया भर में बसे भारतायों में चीन के प्रति गुस्सा बढ़ गया है। भारत के अलावा विदेशों में भी चीन के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं। चीनी सेना के पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी समेत सीमा क्षेत्रों में बार-बार हो रहे अतिक्रमण और भारतीय भूमि कब्जाने की साजिशों के खिलाफ भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। वैंकूवर में भारतीयों ने चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी तिरंगा के साथ चीन पीछे जाओ के नारों के साथ आगे बढ़े हैं। इसमें गलवन वैली को फ्री करने के नारे भी लगाए गए। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “चीन ने अपने पड़ोसियों को डरा कर रखा है, उनकी सीमाओं में घुस जाता है।
चीन इस समय विश्व का सबसे बड़ा भूमाफिया बन गया है।” माना जा रहा है कि कनाडा में हुए इस प्रदर्शन की आंच दुनिया के कई अन्य देशों में भी पहुंचेगी। रक्षा सूत्रों के अनुसार चीन की धोखेबाजी के खिलाफ भारत ने सीमा पर करारा जवाब देने के साथ दुनियाभर में कूटनीतिक जंग भी छेड़ रखी है। भारतीय राजनयिक विदेशों में संपर्कों के जरिए चीन की घुसपैठिया नीति से पूरी दुनिया को जागरूक कर रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण और उसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले घटिया उपकरणों के कारण चीन पहले से ही दुनियाभर के कई देशों के निशाने पर है।
गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ की गई धोखेबाजी और दुष्प्रचार का ही नतीजा है कि कई देशों ने भारतीय पक्ष का समर्थन किया है। साथ ही जापान, ताइवान, आस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी चीन के खिलाफ मोर्चेबंदी तेज कर दी है। तीन दिन पहले चीन के साथ विवाद में पड़े एक द्वीप का नाम बदलकर जापान ने इसकी शुरुआत भी कर दी। बदले में चीन ने जापान को भी धमकी भरी चेतावनी दी है। बता दें कि पिछले सप्ताह पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के आक्रामक रवैये और वहां हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैंनिकों की शहादत के बाद भारत ने सख्त रुख अपना लिया है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर बढ़े तनाव के बाद से वायुसेना ने एयर एक्टिविटी बढ़ा दी है। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से वायुसेना ने भी अग्रिम चौकियों पर फाइटर जेट की तैनाती कर दी है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। भारत और चीन के बीच सोमवार को सीमा पर हुई कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग करीब 11 घंटे चली।

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