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विश्व बैंक ने बताया, कोरोना से होने वाले आर्थिक नुकसान कैसे किया जा सकता है कम

विश्व बैंक ने सभी देशों से कहा है कि वे दीर्घावधि की वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए वृहद नीतियां अपनाएं। इसके साथ ही विश्व बैंक ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस संकट के बीच स्वास्थ्य से संबंधित आपात स्थिति से निपटने के लिए लघु अवधि के उपाय भी करने की जरूरत है। विश्व बैंक का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि इस तरह के संकेत हैं कि 2020 में छह करोड़ लोग अत्यंत गरीबी में चले जाएंगे।
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि जिस तेजी से कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से अर्थव्यवस्था को बंद किए जाने से दुनियाभर के गरीबों की बुरी हालत हुई है, वह आधुनिक समय के लिए बेहद असाधारण स्थिति है। मालपास ने अपने प्रमुख वैश्विक आर्थिक संभावा रिपोर्ट से विश्लेषण वाले अध्ययन जारी करने के मौके पर संवाददाताओं से कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘मौजूदा अनुमानों से पता चलता है कि 2020 में छह करोड़ लोग अत्यंत गरीब हो जाएंगे। हालांकि, इस अनुमान में और बढ़ोतरी की आशंका है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी और अर्थव्यवस्था की बंदी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है, खासकर गरीब देशों को। इस स्वास्थ्य संकट का बुरा दौर बीतने के बाद अब विकासशील देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को समुदाय को अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार को तेज करने के लिए कदम उठाना चाहिए। मालपास ने कहा कि आज हमें जो नीतिगत विकल्प चुनना है उसमें निवेश को आकर्षित करने के लिए ऋण में अधिक पारदर्शिता, डिजिटल संपर्क में तेजी से आगे बढ़ना ओर गरीबों के लिए नकदी के सुरक्षा जाल का विस्तार करना शामिल है। इससे हम नुकसान को कम कर सकेंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती से उबार सकेंगे।

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