पालनपुर के ज्वेलर्स के पास से पांच करोड़ का सोना खरीदकर धोखाधड़ी सहित के विभिन्न अपराधों में जेल की सजा भुगत रही लेकिन जमानत के दौरान पुलिस जाप्ता से फरार होनेवाली साध्वी जयश्रीगीरी को सात-सात दिन की खोजबीन और मेहनत के बाद आखिर में राजस्थान के उदेपुर से गिरफ्तारी करके अहमदाबाद लायी गई थी । क्राइमब्रांच ने बताया है कि, साध्वी जयश्रीगीरी एक तेज दिमागवाली महिला है । साध्वी अपने अपने पुत्र रागीन उर्फ रुद्र के वहां उदेपुर फरार हो गई थी जो उदेपुर में होटल मैनेजर है । साध्वी ने बचने के लिए एक छोटे बच्चे का सहारा लिया था और इसे साथ में रखा था कि, जिसके किसी को शंका नहीं हो लेकिन साध्वी की सभी युक्ति का आखिर में अंत आया था । साध्वी जयश्रीगीरी को खोजबीन करने के लिए क्राइमब्रांच अपनी अलग-अलग टीमें राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र रवाना करके जांच की थी, तो एक टीम के द्वारा राज्यभर में साध्वी के संपर्क स्थानों और छिपा लोकेशन पर जांच शुरू की थी लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस को सात-सात दिन तक साध्वी की कोई जानकारी लेने में सफलता नहीं मिली है । आखिर में गत दिन निश्चित जानकारी के आधार पर क्राइमब्रांच की टीम ने नाथद्वारा से उदेपुर की तरफ जाती लाल कलर की फोकसवेगन कार से साध्वी को एक छोटे बच्चे के साथ गिरफ्तारी की गई थी । क्राइमब्रांच ने साध्वी जयश्रीगीरी के साथ उनके ड्राइवर और वर्षों से उनके अनुयायी रहे छोटे महाराज की गिरफ्तारी की थी । क्राइमब्रांच के अधिकारियों ने बताया है कि, साध्वी जयश्रीगीरी को फरार कराने में गांधीनगर के वकील हरेश पंडया की पत्नी दर्शना पंडया का महत्व का रोल है । दर्शना पंडया उसे खमासा गेट तक ले गई थी और गीतामंदिर से इसे बादल देसाई ले गये थे । क्राइमब्रांच यह साजिश में मदद करने के लिए बादल देसाई और धर्मेन्द्र रामोल नाम के शख्स की खोजबीन कर रही है ।
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