शुक्रवार को दोपहर बाद बजट से एक दिन पहले केंद्र सरकार ससंद में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करेगी।आर्थिक सर्वेक्षण देश की हालिया तस्वीर को पेश करता है, जिसकी बुनियाद पर सरकार बजट को तैयार करती है। शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू होगा। बजट सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद कें केंद्रीय कक्ष में अभिभाषण देने से होगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद लोकसभा और राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करेंगी। आर्थिक सर्वेक्षण को आम जन भी आसानी से पढ़ और डाउनलोड कर सकेंगे। संसद में पेश होने के तुरंत बाद इसको सरकार https://www.indiabudget.gov.in/ पर पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड कर देगी। सर्वेक्षण से जुड़ी तमाम छोटी-बड़ी बातों को इस पर अपलोड किया जाएगा।
1 फरवरी को 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट को लोकसभा में पेश करेंगी। यहां पर बजट पेश करने के बाद इसको राज्यसभा के पटल पर रखा जाएगा। बजट पेश होने के बाद संसद में इसकी चर्चा होगी और फिर इसको पास किया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट को पेश किया जाएगा। इस बार विकास दर पांच फीसदी पर है, जो पिछले 11 साल का सबसे निचला स्तर है। वहीं महंगाई दर 7.35 फीसदी पर है। आर्थिक सुस्ती की वजह से भी सभी सेक्टर में मांग न होने से उद्योग और नौकरियों पर असर देखने को मिला है। भारत में 200 से ज्यादा अर्थशास्त्री और शिक्षाविदों ने सरकार को सर्वे और रिपोर्ट जारी करने को का आग्रह किया है। अर्थशास्त्रियों ने सरकार को कहा है कि वह एनएसएसओ द्वारा किए गए 2017-18 के उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के आंकड़े भी जारी करे। साल 2017-18 के दौरान औसत उपभोक्ता खर्च में काफी गिरावट आई है। सरकार आर्थिक सुस्ती को छिपाने के लिए इन आंकड़ों को जारी नहीं कर रही है। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि आंकड़ों को रोकना अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है। पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए सरकार को उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के आंकड़े जारी करने चाहिए। सरकार इस सूचना की व्याख्या अपने हिसाब से कर सकती है।
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