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मोदी सरकार के खिलाफ ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने लगाया बड़ा आरोप

देश में एक तरफ विवादी नागरिकता संसोधित कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे है, आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार और जीडीपी कम हो रही है इसे में एक जाने माने सामायिक ने मोदी सरकार के खिलाफ ऐसा लेख प्रकाशित किया है जिससे भाजपा के कई नेताओ का तिलमिला जाना स्वाभाविक है, इस अखबार ने दावा किया है की मोदी सरकार भारत को बरबादी की ओर ले जा रहे है।
मशहूर मैगजीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ के नए कवर पेज पर विवाद शुरू हो गया है। मैगजीन ने नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर मोदी सरकार पर हमला बोला है। कवर पेज पर कंटीली तारों के बीच भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कमल का फूल’ नजर आ रहा है। इसके ऊपर लिखा है, असहिष्णु भारत। कैसे मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जोखिम में डाल रहे हैं।
‘द इकोनॉमिस्ट’ ने गुरुवार को कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कैसे भारत के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं।’ आर्टिकल के टाइटल में पीएम नरेंद्र मोदी पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन का आरोप लगाया है। उसमें लिखा है कि भारत के 20 करोड़ मुसलमान डरे हुए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री हिंदू राष्ट्र के निर्माण में जुटे हैं। 80 के दशक में राम मंदिर के लिए आंदोलन के साथ बीजेपी की शुरूआत पर चर्चा करते हुए लेख में तर्क दिया गया है कि संभावित तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी को धर्म और राष्ट्रीय पहचान के आधार पर कथित विभाजन से फायदा पहुंचा है।
NRC के मुद्दे पर लेख में लिखा है कि अवैध शरणार्थियों की पहचान करते हुए असल भारतीयों के लिए रजिस्टर तैयार करने की प्रक्रिया से 130 करोड़ भारतीय भी प्रभावित होंगे। ये कई साल तक चलेगा। लिस्ट तैयार होने के बाद इसको चुनौती और फिर से दुरुस्त करने का भी सिलसिला चलेगा। मैगजीन ने लिखा है कि इस तरह के मुद्दों को आगे कर अन्य मुद्दों जैसे- अर्थव्यवस्था आदि पर जनता को भटकाया जा रहा है। बीजेपी की जीत के बाद से ही भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों से जूझ रही है।

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