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मेरे सहयोग के लिए सभी वीर जवानों का आभार : रावत

जनरल बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए। साउथ ब्लॉक में जनरल रावत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं इससे पहले वे नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। जनरल बिपिन रावत की जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नए सेना प्रमुख होंगे। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनरल रावत को शुभरामनाएं दीं। वहीं रावत ने भी जवानों के नाम संदेश देते हुए कहा कि सभी वीर जवानों को मेरी शुभकामनाएं। पिछले 3 साल में आप लोग मेरी सहयोगी रहे, उसके लिए धन्यवाद। उन्होोंने कहा कि सेना प्रमुख अकेले कुछ नहीं कर सकता जब तक सभी जवान उसके साथ न खड़े हों। आप सबके सहयोग के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति के लिए अब फिर एक साथ काम करेंगे।
सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।
सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा। सीडीएस तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा।सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है। सीडीएस की जिम्मेदारी तीन साल के अंदर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्‍स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्‍मत एवं रखरखाव इत्‍यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करना होगी। जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे। वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे। तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और अंतरक्षिण से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी। सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्‍य होंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने देश के नए थलसेना प्रमुख होंगे। नरवाने जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे। लेफ्टिनेंट नरवाने फिलहाल सेना उप प्रमुख हैं। लेफ्टिनेंट नरवाने सितम्बर में सेना उप प्रमुख बनने से पहले सेना के ईस्टर्न कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती करीब चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है। अपने 37 वर्षों के सेवा काल में लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का कमान संभाला और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैंटरी ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामां स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वह जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए।

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