नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने को कहा की ‘देश के कई हिस्सों में बीजेपी विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं’ और लोगों को सत्तारूढ़ बीजेपी के ‘एक ऐसे विकल्प की जरूरत है जो भारत में टिक सके। एनसीपी चीफ ने भले ही यह नहीं बताया हो कि ‘भारत में टिकने से उनसे क्या मतलब’ था लेकिन उनके इस बयान से अटकलों का बाजार गरम हो गया कि पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। ऐसे समय पर जब पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, राहुल गांधी दक्षिण कोरिया चले गए। उन्होंने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री ली नाक योन से मुलाकात की थी। राहुल की दक्षिण कोरिया यात्रा को लेकर बीजेपी ने भी तंज कसे थे।
नागरिकता संशोधन कानून और बीजेपी के हर राज्य में एनआरसी को लागू करने की योजना पर पवार ने कहा, इस बात को लेकर बहस चल रही है कि सीएए न्यायिक समीक्षा में पास होगा या नहीं। हमें इंतजार करना होगा। यह पूछ जाने पर कि क्या राज्य नए नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी को लागू करने से इनकार कर सकते हैं, इस पर शरद पवार ने अपने सहयोगी प्रफुल्ल पटेल को जवाब देने के लिए कहा। पटेल ने कहा, ‘इस कानून को केंद्र सरकार ने पारित किया है।राज्य कुछ समय तक इसे टाल सकते हैं लेकिन मैं नहीं जानता कि इससे एक साथ बचा जा सकता है या नहीं।
इस कानून को राज्य प्रशासन की ओर से लागू किया जाना है जहां राज्य सरकार फैसला ले सकती है। पवार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि अगर कोई राज्य इस कानून को लागू नहीं करता है तो वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। एनसीपी चीफ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में गैर- अल्पसंख्यक देशभर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विपक्ष के नेताओं की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के संदर्भ में पवार ने कहा, ऐसा लगता है कि गैर-बीजेपी दल कुछ समान मुद्दों पर साथ आ रहे हैं।
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