मालदीव संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने नागरिकता संशोधन कानून को भारत का आंतरिक मामला बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह देश सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए हमेशा से सुरक्षित ठिकाना रहा है। भारत में मालदीव के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पूर्व राष्ट्रपति ने अपने देश के लिए इस्लामिक स्टेट, चीन का ऋण जाल और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को उठाया। नागरिकता संशोधन कानून के सवाल पर उन्होंने कहा, मुझे भारत के लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है और यह इसका घरेलू मसला है।
वहीं मोहम्मद नशीद ने जाकिर नाईक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। नशीद ने बताया कि विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने हाल ही में मालदीव में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन मालदीव सरकार ने उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी। नशीद ने कहा कि मालदीव की सरकार नहीं चाहती कि कोई उनके देश से दुनिया में नफरत का उपदेश दें।
मालदीव की अध्यक्ष ने कहा कि जाकिर पहली बार साल 2009 में मालदीव आया था और उसने यहां उपदेश दिया था। उन्होंने बताया कि जब जाकिर नाईक का पहली बार यहां आया था तो वह उस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति थे और उन्होंने उसे यहां आने की अनुमति दी थी। नशीद ने बताया कि उसने यहां प्रवचन दिए और उसके साथ ऐसे कोई मुद्दे नहीं थे जिनके बारे में हम जानते थे। लेकिन फिर जाकिर ने हाल ही में देश में प्रवेश करने की अनुमति मांग पर सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे लोगों के साथ कोई समस्या नहीं है जो अच्छे इस्लाम का प्रचार करते हैं लेकिन अगर आप नफरत का प्रचार करना चाहते हैं तो हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। नशीद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संयुक्त निमंत्रण पर भारत आए हैं।