केन्द्र सरकार पर्यावरण के माकूल घरों ग्रीन होम्स को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीरता से सोच रही हैं । ग्रीन हाउसिंग सोसायटी डिवेलप करने के लिए सरकार सस्ते लोन कम रजिस्ट्रेशन फीस जैसी सुविधाएं देगी । क्लाइमेंट चेंज से लड़ने की दिशा में केन्द्र इस तरह की रिहायशी कॉलोनियां विकसित करने की दिशा में सोच रही हैं । बता दें कि ग्रीन होम्स वे घर हैं, जो पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकसित किए जाते हैं । इनमें पर्यावरण के नजरिए से एनर्जी, जल संसाधन और बिल्डिंग मटीरियल्स का प्रभावशाली इस्तेमाल किया जाता हैं । सरकारी सूत्रों ने बताया कि ग्रीन होम्स को बढ़ावा देने के लिए ही इससे जुड़े नियम कायदे यानी एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड फॉर रेजिडेंशल सेक्टर (ईसीबीसी-आर) तैयार किया जा चुका हैं । ये नियम २००७ मंे सरकारी और कमर्शल इमारतों से संबंधित कोड की तर्ज पर ही हैं । उर्जा मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को ईसीबीसी-२०१७ पेश कर सकते हैं । इसे भारतीय रीयल्टी सेक्टर में इको फ्रेंडली निर्माण की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता हैं । सूत्रों ने बताया कि उर्जा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशंसी (बीईई) एक योजना पर काम कर रहा हैं । मकसद ऐसे घरो को बढ़ावा देना हैं, जहां उर्जा का प्रभावशाली इस्तेमाल हो सके । यानी यहां रोशनी या कूलिंग के लिए संसाधनों की कम डिमांड विकसित की जा सके । इसी कोशिश के तहत वर्तमान रेजिडेंशल इमारतों में भी नए उपकरणों का इस्तेमाल करके उर्जा के कम और प्रभावशाली इस्तेमाल को बढ़ावा देना हैं । केन्द्र सरकार के इसी आइडिया की तर्ज पर ही रेजिडेंशल सेक्टर में छतों पर सोलर प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के बारे में भी विचार किया जा रहा हैं । इन प्रोजेक्ट्स को कम ब्याज दरों वाले होम लोन के दायरे में लाया गया हैं ।