नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी एसपीजी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों और आशंकाओं का चुन-चुनकर जवाब दिया और पूछा कि एसपीजी सुरक्षा की ही जिद क्यों। गृह मंत्री ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा में जो जवान तैनात हैं वे कभी एसपीजी में भी रह चुके हैं, इसलिए सुरक्षा से समझौता के आरोप निराधार हैं।
उन्होंने कहा, ‘एसपीजी में 33 प्रतिशत बीएसएफ से, 33 से 34 प्रतिशत सीआरपीएफ से, 17 प्रतिशत सीआईएसएफ से, आईटीबीपी से 9 प्रतिशत और अन्य राज्यों की पुलिस से 1 प्रतिशत जवान हैं। 5 साल बाद इन्हें इनके संगठन में वापस भेज दिया जाता है। गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की सुरक्षा में वहीं लोग लगाए गए हैं जो कभी एसपीजी में रह चुके हैं। एसपीजी कवर सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए है और उनके लिए ही होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि एसपीजी का इस्तेमाल स्टेटस सिंबल के लिए नहीं हो सकता। शाह ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है। इस दौरान उन्होंने केरल में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या को लेकर लेफ्ट पर भी तगड़ा हमला बोला। कांग्रेस सदस्यों के वॉकआउट के बीच मंगलवार को यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘बिल पढ़ने के बाद भी सदस्यों में कुछ भ्रांति है, जनता में भी है, मीडिया में भी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल को एक परिवार को ध्यान में रखकर लाया गया है। गांधी परिवार के 3 सदस्यों को ध्यान में रखकर लाया गया है। ऐसा नहीं है। इस बिल और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा के बीच कोई संबंध नहीं है।’
गांधी परिवार पर स्टेटस सिंबल के लिए एसपीजी सुरक्षा रखने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा, ‘एसपीजी ऐक्ट में 4 बार परिवर्तन हुआ। यह पांचवां है। 5वां परिवर्तन किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है। उससे पहले ही समीक्षा करके उन्हें सीआरपीएफ जेड प्लस सुरक्षा दी गई जो एएसएल और ऐंबुलेंस के साथ है। यह 24 घंटे है। यह देश में किसी व्यक्ति को दी गई सर्वोच्च सुरक्षा है। असल में पिछले चारों परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे।’”सुरक्षा कभी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता है। एसपीजी ही क्यों? हो सकता है कि देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा किसी आम आदमी को खतरा हो। राम मंदिर आंदोलन के वक्त अशोक सिंघल को तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी ज्यादा खतरा था लेकिन उन्हें एसपीजी नहीं मिली। एसपीजी प्रधानमंत्री के लिए बनी है।”
अमित शाह ने कहा, ‘सुरक्षा कभी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता है। एसपीजी ही क्यों? हो सकता है कि देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा किसी आम आदमी को खतरा हो। राम मंदिर आंदोलन के वक्त अशोक सिंघल को तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी ज्यादा खतरा था लेकिन उन्हें एसपीजी नहीं मिली। एसपीजी प्रधानमंत्री के लिए बनी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब कोई प्रधानमंत्री नहीं रहता है तो बाद में भी उसे एसपीजी सुरक्षा मिलेगी, ऐसा नहीं चलता। नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं, उन्हें ही एसपीजी सुरक्षा मिलेगी। जहां तक खतरे की बात है तो गांधी परिवार ही क्यों, गांधी परिवार समेत 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, राज्य सरकार की है। लेकिन हमें तो सिर्फ एसपीजी चाहिए, यह जिद समझ में नहीं आती।’