देश के ई कॉमर्स व्यापार को अमज़ोन एवं फ्लिपकार्ट द्वारा अपनी अनैतिक व्यापार पद्धति से बेहद विषाक्त करने और सरकार की एफ़डीआइ नीति का खुले रूप से उल्लंघन करने के मुद्दे पर आज देश भर में कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के आवाहन पर व्यापारियों ने “राष्ट्रीय विरोध दिवस” मनाया और 700 से अधिक शहरों में व्यापारी संगठनों ने विरोध धरने किए जिसमें लाखों व्यापारी शामिल हुए।
सरकार से इन दोनों कम्पनियों के ख़िलाफ़ तुरंत कड़ी कारवाई किए जाने की माँग की। अनेक स्थानों पर विरोध धरनों में अमज़ोन एवं फ्लिपकार्ट के पुतले भी जलाए गए। अमेज़न -फ्लिपकार्ट गो बैक के नारों के साथ व्यापारियों ने अपना गुस्सा जाहिर किया। धरनों में ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, किसान, हॉकर्स , उपभोक्ता आदि अन्य वर्गों के लोग भी शामिल हुए।
दिल्ली की प्रमुख मार्किट सदर बाजार में हुए विरोध धरने में दिल्ली के सभी भागों के व्यापारी बड़ी संख्यां में शामिल हुए और अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट की अनैतिक एवं अस्वस्थ व्यापारिक पद्दति देश के रिटेल व्यापार को गुलाम बनाने की ओर बढ़ते हुए कदम है जिससे देश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी और देश का घरेलू व्यापार पूरी तरह तहस नहस हो जाएगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की देश के व्यापारियों को अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के भारत में व्यापार करने पर कोई एतराज नहीं है किन्तु व्यापारियों की तरह अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट को सरकार की एफडीआई पालिसी एवं अन्य कानूनों का पालन करना होगा जिससे बाजार में समान प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
उन्होंने कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री की सख़्त चेतावनी के बावजूद लगातार अपने ई कॉमर्स पोर्टल पर लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचा जा रहा है और विभिन्न वस्तुओं पर भारी डिस्काउंट देते हुए क़ीमतों को सीधा प्रभावित किया जा रहा है जो एफ़डीआइ नीति में स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित है जिससे देश भर का घरेलू व्यापार बुरी तरह तबाह हो गया है और देश भर के व्यापारियों में बेहद रोष और आक्रोश है जिससे व्यापारियों को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।