अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर देश भर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार ने विभिन्न धमोर्ं के धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग की है । सरकार की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बाबा रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, अवधेशानंद गिरि शिया मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की । यह मीटिंग डोभाल के घर पर ही बुलाई गई थी । सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान धार्मिक नेताओं और डोभाल के बीच देश में मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा हुई । इसके अलावा यह तय हुआ कि किस तरह से विभिन्न समुदायों के नेता फैसले को ध्यान में रखते हुए समाज में सद्भाव का संदेश दे सकते हैं । एनएसए डोभाल से मुलाकात के बाद धार्मिक नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर किया ।
उन्होंने कहा, इस बातचीत ने सभी समुदायों के बीच भाईचारा और मेलजोल की भावना को बरकरार रखने की दिशा में शीर्ष धार्मिक नेताओं के बीच कम्युनिकेशन मजबूत करने में मदद की है । बता दें कि अवधेशानंद गिरि हिंदू धर्माचार्य सभा के चेयरमैन भी हैं । उनके अलावा संत परमात्मानंद को पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है । अवधेशानंद गिरि और परमात्मानंद ने बताया कि अयोध्या पर फैसले के बाद देश की परिस्थितियों को लेकर डोभाल से चर्चा हुई । परमात्मानंद ने कहा कि हमने देश में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के उपायों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ चर्चा की । हम इसे लेकर काम करते रहेंगे । इस बीच यूपी सरकार ने पूरे सूबे में सुरक्षा चाक-चौबंद रखी है । हालांकि मिलाद-उन-नबी के जुलूस पर रोक नहीं है । एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि अयोध्या के फैसले के मद्देनजर उठाए कदमों में मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकलने वाले जुलूसों पर रोक शामिल नहीं है । हालांकि अन्य किसी तरह के जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं है ।
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