गुरु नानक देव जी के ५५०वें प्रकाश पर्व पर शुरू हो रहे करतारपुर कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है । इस प्रॉजेक्ट पर काम करने वाली सरकारी एजेंसी लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गोविंद मोहन के मुताबिक प्रॉजेक्ट का काम हर हाल में ३१ अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा । २० अक्टूबर से पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब जाने के लिए तीर्थयात्री ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे । इसके लिए अलग से एक वेबसाइट बनाई जाएगी । रजिस्ट्रेशन के लिए पासपोर्ट की जरूरत होगी, वीजा की नहीं । बता दें कि भारतीय सीमा पर ८ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे । डेराबाबा नानक साहिब से पाकिस्तान जाने के लिए भारत की ओर से रावी नदी पर आधा ब्रिज बनकर तैयार हो गया है । लेकिन, पाकिस्तान ने अभी तक अपनी तरफ से इसका निर्माण तक शुरू नहीं किया है । गोविंद मोहन के मुताबिक ऐसे में ३०० मीटर के एक रैंप की व्यवस्था की गई है । यह रैंप पैसेंजर टर्मिनल कैंपस से पाकिस्तान बॉर्डर तक जाएगा । तीर्थ यात्री यहां से पैदल चलकर जीरो लाइन तक जाएंगे । उसके दूसरी ओर पाकिस्तान का गेट बनकर तैयार है । वहां से पाकिस्तान तीर्थयात्रियों के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया कराएगा । यहां से करतारपुर साहिब करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूरी पर है । गोविंद मोहन ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान भी आने वाले समय में अपने हिस्से का ब्रिज बना देगा । भारत की तरफ से रैंप बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि अगर कभी बाढ़ भी आती है तो लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े । इस बात का विशेष ध्यान रखा है । विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पाक ने जो प्रति तीर्थयात्री २० डॉलर की फीस लगाई है, उस पर भारत सरकार ने सहमति दे दी है । इससे पहले सरकार ने इस बारे में एक हाई पावर कमेटी बनाई थी । करतारपुर साहिब में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सीमा पर बनकर तैयार हो रहे पैसेंजर टर्मिनल कैंपस में कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी । साथ ही कुछ सलाह भी हैं । डेराबाबा नानक साहिब में तीर्थयात्रियों के लिए बन रहे पैसेंजर टर्मिनल कैंपस का अभी तक करीब ७५ फीसदी ही काम पूरा हुआ है । मोहन ने दावा किया है कि करीब १५ दिन में यानी ३१ अक्टूबर तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा । काम पूरा करने १८०० से ज्यादा मजदूर लगाए गए हैं ।
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