राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनएआई) ने सोमवार को बंगाल लेकर पंजाब और कश्मीर से लेकर केरल तक आतंकी साजिशों को लेकर आगाह किया । एजेंसी के मुताबिक आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) बांग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में भारत में पैर पसार रहा है । आतंकवाद विरोधी दस्तों (एटीएस) के प्रमुखों की एक बैठक को संबोधित करते हुए एनआई के महानिदेशक (डीजी) वाई सी मोदी ने कहा कि जेएमबी ने झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में बांग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं । इसके साथ ही जांच एजेंसी ने बताया कि भारत में ढ्ढस् कनेक्शन पर पकड़े गए १२७ आरोपियों से अधिकतर जाकिर नाईक से प्रभावित थे । एनएआई ने इसके साथ ही पंजाब में पाकिस्तान की खालिस्तान चाल को लेकर भी आगाह किया । एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकवादियों के जरिए पंजाब में दहशत फैलाना चाहता है । उसके मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए फंडिंग मिलती रही । एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने बताया कि तमिलनाडु और केरल के तीन केस में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे जहरान हाशमी के विडियो और ऑडियो भाषण को सुनकर रैडिकलाइज हुए थे । जहरान हाशमी श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर चर्च में हुए भयावह हमले का मास्टरमाइंड है । उन्होंने बताया कि सीरियाई आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े कुल १२७ लोग अरेस्ट किए गए हैं । तमिलनाडु से ३३, उत्तर प्रदेश से १९, केरल से १७, तेलंगाना से १४ समेत कुल १४ राज्यों से इन संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है । मित्तल के मुताबिक अधिकतर ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे जाकिर नाईक के भड़काऊ भाषण सुनकर आतंक की राह पर बढ़े थे । एनआईए ने म्यांमार से भागे रोहिंग्या मुसलमानों के आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) नेटवर्क की भारतविरोधी गतिविधियों का भी खुलासा किया । एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने बताया कि अक्टूबर २०१४ में बर्धमान केस में जेएमबी से संबंधित पहला केस भारत में दर्ज किया गया था । तब पता चला था कि जेएमबी की बांग्लादेश की लीडरशिप २००७ से ही भारत आ रही थी । एनआईए डीजी ने कहा, एनआईए ने जेएमबी नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वाले १२५ संदिग्धों की सूची संबंधित राज्यों के साथ साझा की है । मित्तल ने कहा कि २०१४ से २०१८ के बीच जेएमबी ने बेंगलुरु में २० से २२ ठिकाने स्थापित किए और दक्षिण भारत में अपने पैर पसारने की कोशिश की । उन्होंने कहा, ‘जेएमबी ने कर्नाटक सीमा के पास कृष्णागिरी हिल्स में रॉकेट लॉन्चर्स का परीक्षण भी किया । मित्तल ने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों की हालत के लिए प्रतिशोध स्वरूप जेएमबी बौद्ध मंदिरों पर भी हमला करना चाहता था । एनआईए के आईजी ने बताया, खाखरागढ़ केस में ३५ लोगों को और बोधगया केस में ९ लोगों को चार्जशीट किया गया । उनके अलावा १२५ अन्य नाम आए, इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण चार्जशीट तो नहीं किया जा सका, लेकिन ये चार्जशीटेड लोगों के साथ संपर्क में पाए गए । उन्होंने कहा कि एनआईए ने १२५ लोगों की लिस्ट तैयार कर राज्यों और केंद्र की जांच एजेंसियों से शेयर की है ।
जेएमबी की लीडरशिप ने पूछताछ में बताया कि कर्नाटक की एक मीटिंग में जमाएत-ए-मुजाहिदीन (इंडिया) की स्थापना करने की लक्ष्य भी तय हुआ था । पहले पूरे दक्षिण भारत में और फिर पूरे देश में इसका विस्तार करने की योजना थी, लेकिन पकड़े गए तो योजना पर काम आगे नहीं बढ़ सका । मित्तल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई अलगाववादी नेता टेरर फंडिंग के दोषी पाए गए हैं । उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के मेन केस में प्रतिबंधित संघठनों के प्रमुखों और शीर्ष नेतृत्व को गिरफ्तार कर चार्जशीट किया जा चुका है । किसी को अब तक जमानत नहीं मिली है । उन्हें पाकिस्तानी उच्चायोग से विदेशों से आने वाली रकम और हवाला के जरिए आए पैसे से फंडिंग मिलती थी । एनआईए के आईजी ने बताया कि पाकिस्तान पंजाब में आतंकवाद फैलाना चाहता है । लक्षित हत्याओं के मामले में गिरफ्तार लोगों का संबंध खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (केएलएफ) से पाया गया है ।
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