खाद्य पदाथोर्ं की कीमत में तेजी से खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर ३.९९ % हो गई । अगस्त में यह दर ३.२१ फीसदी थी । यह अक्टूबर २०१८ के बाद सर्वोच्च स्तर है । हालांकि यह अभी भी रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित ४ फीसदी की सीमा के भीतर ही है । सितंबर में खाद्य महंगाई दर ५.११ फीसदी हो गई, जो अगस्त में २.९९÷ फीसदी थी । दूसरी तरफ देश के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित वार्षिक महंगाई दर सितंबर में ०.३३ फीसदी रही ।
यह अगस्त में १.०८ फीसदी थी । वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा दिए गए थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर भी महंगाई में गिरावट का रुझान दिखा, क्योंकि २०१८ की इसी अवधि के दौरान महंगाई ५.२२ फीसदी तक बढ़ गई थी ।सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर में खाद्यान्न क्षेत्र में मुद्रास्फीति दर ५.११ प्रतिशत रही जो अगस्त में २.९९ प्रतिशत थी । समीक्षावधि में सब्जियों की मुद्रास्फीति १५.४० प्रतिशत रही । हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति (खुदरा और थोक को मिलाकर) दर अभी भी रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए दायरे में बनी हुई है ।
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