केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद ३७० को हटाया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन करीब ३५ हजार जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने राज्य में आतंकवाद से लड़ते हुए अपना जीवन गंवा दिया । शाह ने त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के २७वें स्थापना दिवस पर परेड का निरीक्षण करने के बाद यह बात कही । शाह ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम जम्मू-कश्मीर में स्थाई शांति लेकर आएंगे और इसे विकास की ओर आगे बढ़ने में सक्षम बनाएंगे । उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने (जम्मू-कश्मीर में) अनुच्छेद ३७० और ३५ए को निरस्त कर ३५ हजार शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है । शाह ने कहा कि स्थिति यह थी कि कई वषोर्ं से जम्मू-कश्मीर में हमारे जवान जान दे रहे थे । यह हालात ७० साल से थे लेकिन इस स्थिति में सुधार करने का किसी के पास साहस नहीं था या किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया । शाह ने अनुच्छेद ३७० को हटाने के फैसले के लिए सीआरपीएफ के मंच से मोदी को धन्यवाद दिया । सीआरपीएफ के जवान कश्मीर में तैनात हैं ।
गृह मंत्री ने कहा, मैं कश्मीर और भारत के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर विकास के मार्ग पर अग्रसर होगा । हमारे बल कश्मीर में शांति बाधित करने की कोशिश करने वालों पर नजर रखेंगे । यह कदम स्थाई शांति लेकर आएगा । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल इस वर्ष अपनी दंगा रोधी इकाई आरएएफ की २७वीं वर्षगांठ मना रहा है । इस अवसर पर अहमदाबाद में आरएएफ की १००वीं बटालियन में वर्षगांठ परेड हुई, जिसमें शाह मुख्य अतिथि थे । गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों और विभिन्न राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों में बहादुरी का परिचय देने वाले सीआरपीएफ जवानों को २० वीरता पदक दिए । इनमें से कुछ जवानों को मरणोपरान्त पदक दिए गए । केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को हटाने का पांच अगस्त को फैसला किया था, जिसके बाद शाह पहली बार आरएएफ के कार्यक्रम में शामिल हुए । इस फैसले के बाद से कश्मीर क्षेत्र में सीआरपीएफ मुख्य रूप से तैनात बल है और इस समय इसके करीब डेढ़ लाख जवान वहां आतंकवादरोधी अभियान चला रहे हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं । आरएएफ का स्थापना दिवस ७ अक्टूबर को है । इस दिन १९९२ को इसका परिचालन आरंभ हुआ था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री की कुछ प्रतिबद्धताओं के कारण कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को करना पड़ा । इस बल की देश के विभिन्न शहरों में १५ बटालियन हैं और हर इकाई में १००० से अधिक कर्मी हैं ।