पूरे भारत मे नए संशोधित मोटर वाहन अधिनयम केंद्र सरकार द्वारा लागू कर दिये गये। लेकिन सरकार ने अपनी मंशा तो साफ कर लोगों के सामने नए मोटर वाहन के प्रावधान रख दिये परंतु इन प्रावधानों से लोगों में कही न कही खोफ़ दिखाई दे रहा है। नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों का चालान काट रही है लेकिन ट्रैफिक पुलिस मात्र सरकार के टारगेट को पूरा करने में लगी है परंतु रिक्शा ड्राइवर की आर्थिक परिस्थिति नही देख रही है।अहमदाबाद में ठीक आज एक ऐसी घटना दिखाई दी जहाँ पर आर्थिक परिस्थिति से जूझ रहा बी.कॉम किया हुआ रिक्शा ड्राइवर का ट्रैफिक पुलिस ने 18 हजार का चालान काट दिया। परंतु रिक्शा ड्राइवर राजू सोलंकी के पास जुर्माना राशि भरने के लिए पैसे नही थे जिसकी वजह से ट्रैफिक पुलिस ने रिक्शा भी जप्त कर लिया,इस वजह से उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। फिलहाल रिक्शा ड्राइवर राजू सोलंकी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया है।
राजू की पत्नी वीना ने कहा कि उनके परिवार के पास भोजन के लिए पैसा नहीं है। उनके बच्चों और वो कैसे जिंदा रहेंगे वो बड़ा सवाल है। परिवार की आर्थिक हालात खराब देख राजू ने आत्महत्या का प्रयास किया। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि जबसे सरकार ने नए मोटर व्हीकल नियम लागू किये, तबसे ट्रैफिक पुलिस अपनी मनमानी कर रही है। और रिक्शा ड्राइवरों को हैरान परेशान किया जाता है। लेकिन रिक्शा ड्राइवर अपने परिवार के गुजरान के लिए रिक्शा चलाते है लेकिन ट्रैफिक पुलिस के कारण वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को चाँद पे ले जाने का प्रयास कर रहे तो दूसरी तरफ ट्रैफिक पुलिस के कॉस्टेबल ऐसी हरकत कर डिजिटल इंडिया पर दाग लगाते दिखाई दे रहे है। राजू सोलंकी नाम का व्यक्ति ग्रेजुएशन किया है फिर भी इस डिजिटल इंडिया में वह रिक्शा चलाने को मजबूर है। किन्तु ये कैसा नियम जिसके ख़ौफ़ से लोग मरने का प्रयास कर रहे…?