दिल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को आज भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ब्रांड एंबेसडर और सेलिब्रिटी जो विभिन्न उत्पादों का विज्ञापन कर रहे हैं और यदि विज्ञापन भ्रमित होता है तो उपभोक्ता संरक्षण कानून के लिए बनने वाले नियमों में उनके लिए भारी जुर्माना और जेल की मांग की है।
कैट ने कहा है कि किसी उत्पाद का विज्ञापन विशुद्ध रूप से एक व्यापारिक लेनदेन है और ब्रांड एंबेसडर या सेलेब्रिटी संबंधित उत्पाद के लिए या एक कंपनी के लिए सेल्स एजेंट के रूप में कार्य करते हैं जिससे उन पर भी उत्पाद की क्वालिटी की जिम्मेदारी बनती है और इसलिए ब्रांड एम्बेसेडर्स और सेलिब्रिटी के लिए नियमों में भारी जुर्माना और जेल अवधि निर्धारित की जानी चाहिए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को संसद के दोनों सदनों द्वारा पहले ही पारित कर दिया गया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने पासवान को भेजे पत्र में कहा कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह पता चला है कि सरकार भ्रमित विज्ञापनों के लिए ब्रांड एम्बैसडर पर केवल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है। भ्रामक या भ्रामक विज्ञापन के लिए किसी भी ब्रांड एंबेसडर पर केवल दस लाख का जुरमाना पर्याप्त नहीं है।
भ्रामक विज्ञापन रोकने के लिए कड़ी दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है। सेलेब्रिटी या ब्रांड एंबेसडर किसी भी उत्पाद के विज्ञापन के एवज में काफी बड़ी राशि लेते हैं जिसके मुकाबले किसी भी उत्पाद के समर्थन के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए सबसे आसान तरीका होगा और भ्रामक एवं गलत विज्ञापनों पर कतई भी रोक नहीं लग पाएगी।