कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाने के मामले में दुनिया भर में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान को इस मामले में नया झटका लगा है । मालदीव की राजधानी माले में आयोजित साऊथ ऐशियन स्पीकर्स समिट में पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे को तूल देने की भरपूर कोशिश की, लेकिन भारत की मजबूत कोशिशों के चलते उसकी इस मामले में एक नहीं चली । सोमवार को स्पीकरों के शिखर सम्मेलन ने माले घोषणापत्र स्वीकार करते हुए कश्मीर के संबंध में पाकिस्तान के दावों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया । बता दें कि रविवार को मालदीव की संसद मजलिस में दक्षिण एशियाई देशों के स्पीकरों की समिट हुई थी । इसमें कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच काफी तीखी बहस हुई । समिट ने सोमवार को जारी किए माले डिक्लेयरेशन में पाकिस्तान की संसद के स्पीकर के दावों को कतई भी तवज्जो नहीं दी है । यह जानकारी लोकसभा सचिवालय के सूत्रों से मिली है । पाकिस्तान की नैशनल असेंबली के डेप्युटी स्पीकर कासिम सुरी ने सतत विकास लक्ष्यों’ पर चर्चा के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने की पूरी कोशिश की । राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि जिस मुल्क ने बड़े पैमाने पर अपने ही लोगों का नरसंहार किया हो, उसे मानवाधिकार पर बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है । उन्होंने पाकिस्तान को सीमापार आतंकवाद बंद करने की भी नसीहत दी । पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का ड्रामा जारी रहा तो कार्यक्रम का संचालन कर रहे मालदीव की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद को दो टूक कहना पड़ा कि इस फोरम में किसी देश के आंतरिक मामले को नहीं उठाया जा सकता है । दरअसल, मालदीव की संसद रविवार को सस्टेनेबल डिवेलपमेंट गोल पर चौथे साउथ एशियन स्पीकर्स समिट की मेजबानी कर रही थी । इसमें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व नैशनल असेंबली के डेप्युटी स्पीकर कासिम सुरी और पाकिस्तानी सेनेटर कुर्रतुल एन मारी कर रहीं थी । समिट के इतर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने भूटानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता की । भारत के डेलिगेशन ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका के प्रतिनिधियों से विस्तार से बात की ।