अब रेलवे अपने कर्मचारी, पूर्व कर्मचारियों को लाल-नीले हेल्थ कार्ड की जगह यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड (यूएमआइडी) देगा। इससे न सिर्फ रेलवे अस्पतालों में उपचार कराया जा सकेगा बल्कि इससे निजी अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज मिलेगा।
रेलवे ने कर्मचारी, पूर्व कर्मचारी और उनके परिवारजनों के इलाज को आसान बनाने के लिए यूएमआइडी की व्यवस्था लागू की है। इसके लिए 31 अगस्त तक सभी सेवारत और सेवानिवृत्त रेलकर्मियों का यूएमआइडी बनाने का लक्ष्य तय किया था। एक सितंबर से रेलवे अस्पताल और हेल्थ यूनिट में ओपीडी पूरी तरह ऑनलाइन कर दी जाएगी। कर्मचारियों को बेहतर इलाज देने के लिए रेलवे ने निजी अस्पतालों से करार किया है। ये निजी अस्पताल रेलकर्मियों का कैशलेस उपचार कर रेलवे से बिल लेंगे। इस कार्ड से इलाज के दौरान कर्मचारियों के वेतन के अनुसार सुविधा मिलेगी। अधिक वेतन वाल कर्मचारी और उनके परिजन निजी अस्पताल में प्राइवेट वार्ड ले सकेंगे, जबकि कम वेतन पर जनरल वार्ड की सुविधा मिलेगी। अभी रेल कर्मचारियों के पास लाल और नीले रंग के मेडिकल कार्ड हैं। इनकी मान्यता एक सितंबर से समाप्त हो जाएगी। रेलवे कर्मचारी और पेंशनर यूएमआइडी वेबसाइट पर सर्विस नंबर, पैन नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी देकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके बाद यह यूनिक स्मार्ट हेल्थ कार्ड मिलेगा। इस कार्ड को कर्मचारी पहचान पत्र के रूप में भी इस्तेमाल कर सकेंगे।