ओवैसी ने कहा कि अगर कश्मीर हमारा द्विपक्षीय मुद्दा है तो फिर पीएम को अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करने की क्या जरूरत थी। ओवैसी ने सवालिया लहजे में पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया के चौधरी हैं या पुलिसवाले..? जब ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की बात की थी तब भाजपा पूरी तरह एक्शन में आ कर कह रही थी की यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा है इसमें मध्यस्थता की फ़िलहाल जरुरत नहीं है। पर कुछ दिनों पहले ही मोदी से बातचीत के बाद ट्रंप ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री खान से बात की थी। इस बात चित को लेकर आज औवेसी ने सवाल उठाए है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत को लेकर पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर हैं। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अब पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और सूबे के पुनर्गठन के चलते पाकिस्तान से तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बात की थी। दोनों नेताओं के बीच टेलिफोन पर करीब 30 मिनट लंबी बातचीत हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने पाक से संबंधों को लेकर बिना उसका नाम लिए ट्रंप से कहा कि कुछ नेताओं का भारत के खिलाफ हिंसा का रवैया शांति की प्रक्रिया में बाधक है। उनका इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ था, जिन्होंने हाल में भारत विरोधी कई बयान दिए हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश कर दी है। ट्रंप ने कश्मीर में हिंदू-मुस्लिम का राग अलापते हुए कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर इस हफ्ते के अंत में यह मुद्दा उठाएंगे। इस मुद्दे को लेकर अब विपक्ष ने पीएम को घेरना शुरू कर दिया है। ओवैसी ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा, मैं काफी हैरान हूं कि जिस मुद्दे को पीएम द्विपक्षीय बताते हैं, उसी मुद्दे पर ट्रंप से बात करते हैं। आखिर इस मामले में तीसरे को लाने की क्या जरूरत पड़ गई। इसका मतलब ट्रंप का दावा सही है, जब वह कह रहे हैं कि मोदी ने कश्मीर पर हमें मध्यस्थता करने के लिए कहा है।
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