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पाक में दाल, तेल और दूध तक की महंगाई चरम पर

पाकिस्तान भले ही भारत को जम्मू-कश्मीर के मसले पर तमाम चुनौतियां दे रहा हो, लेकिन उसकी इकॉनमी इन दिनों खस्ताहाल है । महंगाई की स्थिति यह है कि सीएनजी, पेट्रोल से लेकर दाल और तेल तक के लिए लोगों को बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है । भारत से तुलना करें तो पेट्रोल की कीमत ७२ रुपये है, जबकि पाकिस्तान में यह ११७ रुपये में मिल रहा है । यही नहीं डीजल की कीमत तो लगभग दोगुनी है । भारत में डीजल ६५ रुपये प्रति लीटर है तो पाकिस्तान के नागरिकों को इसके लिए १३२ रुपये चुकाने पड़ रहे हैं । भारत में महज ५० रुपये प्रति किलो के करीब मिल रही सीएनजी के लिए पाकिस्तानियों को १२३ रुपये प्रति किलो चुकाना पड़ रहा है । यही नहीं एलपीजी गैस और खाद्यान्न की भी महंगाई चरम पर है । नान रोटी की कीमत पड़ोसी मुल्क में ३५-४० रुपये तक के बीच है । पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी ७५ से ८० रुपये किलो के बीच है । यही नहीं कुकिंग ऑइल भी २०० से २२० रुपये तक का है । दालों की बात करें तो चना दाल १४० से १६०, मूंग दाल १६० से १७०, मसूर दाल १३० रुपये और अरहर की दाल १८० रुपये तक में मिल रही है । पाकिस्तान में भीषण महंगाई की अहम वजह डॉलर के मुकाबले उसके रुपये में आई बड़ी गिरावट भी है । पाकिस्तानी करंसी फिलहाल एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले १५८ रुपये के स्तर पर है । पाकिस्तान में दूध की कीमतें भी आसमान छू रही हैं । भारत में औसतन ६० रुपये प्रति लीटर तक में उपलब्ध दूध पाकिस्तान में १०० से १२० रुपये में मिल रहा है । पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम इमरान खान के सत्ता में आने के एक साल के दौरान महंगाई में और इजाफा हुआ है । ऐसे में यह सवाल अहम है कि दुनिया भर में आतंक की नर्सरी के तौर पर छवि बनाने वाला पाकिस्तान किस तरह से महंगाई और इकॉनमी के संकट से बाहर निकलेगा । इस बीच पाकिस्तान पर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है । फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की तरफ से ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए इस्लामाबाद अब पेइचिंग की शरण में है । इसके अलावा, वह मलयेशिया और तुर्की से भी मदद की आस लगाए हुए है । फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स अक्टूबर में पाकिस्तान की समीक्षा करेगा । उसने इस्लामाबाद को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए २७ कदम उठाने को कहा था लेकिन पाकिस्तान ने प्रस्तावित कदमों में से आधे भी नहीं उठाए हैं और जो उठाए हैं, वे भी दिखावे के लिए । हैरत की बात तो यह है कि फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स से इतर पिछले कई दिनों से वह कश्मीर में भारत सरकार के फैसले से बौखलाया हुआ है ।

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