कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा ने अनुच्छेद ३७० के कुछ प्रावधानों को समाप्त किए जाने पर सरकार का समर्थन किया है । उन्होंने कहा कि देशहित में सरकार ने यह सही फैसला लिया है । बता दें कि इससे पहले ट्वीट कर दीपेंदर ने सरकार का समर्थन किया था, मगर बाद में उसे डिलीट कर दिया था जिससे कई तरह के कयास लग रहे थे । हालांकि अब वह खुलकर सरकार के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं । बुधवार को हुड्डा ने कहा, मेरे विचार से आज के समय में अनुच्छेद ३७० की कोई आवश्यकता नहीं थी । जब इस अनुच्छेद को लागू किया गया था, उस वक्त खुद नेहरू जी ने इसे अस्थायी बताया था । मेरे ख्याल से देश की एकता और कश्मीरियों के विकास के लिए इसे हटाया जाना जरूरी था । यह सही फैसला है ।
उन्होंने आगे कहा, मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि अब आगे की प्रक्रिया में सरकार को सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलना चाहिए । यह बेहद जरूरी है कि इस प्रक्रिया को शांतिपूर्ण माहौल में शुरू किया जाए । मुझे उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में मजबूत कदम उठाएगी । बता दें कि जब सरकार ने संसद में जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को खत्म करने का प्रस्ताव रखा, उस पर दीपेंद्र हुड्डा ने पार्टी लाइन के विपरीत ट्वीट किया कि २१वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है ।
हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया । अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक अखबार की पुरानी खबर भी ट्वीट की थी, जिसमें उनके हवाले से ३७० हटाने की वकालत की गई थी ।
दीपेंदर के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कद्दावर नेताओं ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया है ।