जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के साथ ही 8 हजार अतिरिक्त बलों घाटी रवाना हो रहे हैं। यूपी, ओडिशा, असम समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से इन अर्धसैन्य बलों को एयरलिफ्ट करके सी-17 विमान से कश्मीर भेजा जा रहा है। इससे पहले पिछले हफ्ते 10 हजार और फिर 28 हजार अर्धसैन्य बलों की टुकड़ी घाटी में तैनात की गई थी। इसी के साथ अब कश्मीर घाटी में 46 हजार अतिरिक्त अर्धसैन्य बलों की तैनाती हो गई है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारतीय थल और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सोमवार को पीएम आवास में कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान से जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाला अनुच्छेद 370 के खंड (1) के अलावा सभी खंड रद्द करने की सिफारिश की थी। इसके बाद इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अनुमति मिल गई। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य घोषित कर दिया। इसके अलावा लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके उसे भी केंद्र शासित राज्य बना दिया गया है।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाने में एक सेकंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। सरकार के इस बिल को बीएसपी, बीजेडी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी और एआईएडीमके ने समर्थन दिया है। वहीं बिहार में एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया।
इस अनुच्छेद के विभिन्न खंडों को खत्म करने का प्रस्ताव संसद में पेश होने के बाद पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन बताया है। वहीं नैशनल कॉन्फ्रेंस कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि केंद्र के इस निर्णय के बहुत खतरनाक परिणाम होंगे।