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तीखी बहस के बीच पास हुआ UAPA बिल, विपक्ष ने साधा निशाना

राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) संशोधन 2019 तीखी बहस के बाद पारित हो गया। वोटिंग में प्रस्ताव के पक्ष में 147 वोट पड़े जबकि विरोध में 42 वोट ही मिले। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह ने व्यक्ति को आतंकी घोषित करने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। चिदंबरम ने कहा कि संगठन को पहले से ही आतंकी घोषित किया जाता रहा है, ऐसे में व्यक्ति को आतंकी घोषित करने की जरूरत क्या है? जवाब देने के लिए जब गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए तो उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि यह उपयुक्त क्यों है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर भी हमला बोला। 
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल 2009 से कई मामलों में वांछित था। कोलकाता पुलिस ने उसे पकड़ा। उसने अपना फर्जी नाम बताया। उस समय पुलिस के पास उसके चेहरे की पहचान या निशान नहीं था और आखिर में उसे छोड़ दिया गया। यासीन वहां से निकल गया। शाह ने कहा कि अगर 2009 में उसे आतंकी घोषित किया गया होता तो देश के सभी थानों में उसकी फोटो और फिंगर प्रिंट होती और वह भाग नहीं पाता। 
विपक्ष ने व्यक्ति के मानवाधिकारों को लेकर आशंका जताई थी। इस पर शाह ने कहा कि आतंकी घोषित करने के बाद भी चार स्तर पर स्क्रूटनी का विकल्प मौजूद रहेगा। मानवाधिकारों की बात करते हुए शाह ने कांग्रेस की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार में सरकारी समितियां अच्छे से काम करती हैं। उन्होंने बताया कि आतंकी घोषित करने के बाद रीव्यू कमिटी होगी, जिसके चेयरमैन हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज होंगे। इसके बाद भी विकल्प बचे रहेंगे। 
शाह ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ NIA जो मामले दर्ज करती है, वे काफी जटिल होते हैं। उनमें साक्ष्य मिलने की संभावनाएं कम होती है। अंतरराज्य, अंतरराष्ट्रीय मामले होते हैं। शाह ने कहा कि संस्था व्यक्ति से बनती है। इस पर प्रतिबंध लगाते हैं तो वे (आतंकी) दूसरी संस्था बना लेते हैं। प्रतिबंध लगाने, प्रूफ जुटाने में 2 साल चले जाते हैं, तब तक वे विचारधाराएं फैलाते रहते हैं, घटनाएं करते रहते हैं।
चिदंबरम को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि कई उदाहरण हैं कि ऐसे लोग संस्था पर प्रतिबंध लगने पर दूसरी दुकान खोल लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जबतक व्यक्ति को आतंकी घोषित नहीं करते, तब तक इनके काम और इरादों पर रोक नहीं लगाई जा सकती। गृह मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल, यूरोपीय संघ, सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्ताव के तहत भी आतंकी घोषित किए जाते हैं। ऐसे में यहां किस बात का डर है।

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