सूरत के लिंबायत क्षेत्र में तीन वर्ष की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने के बाद इसकी हत्या के केस में सूरत सेशंस कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसले में आरोपी अनिल यादव को फांसी की सजा सुनाई गई है । सूरत के इतिहास में पहलीबार बलात्कार के केस में आरोपी को फांसी की सजा सुनाये जाने पर सनसनी मच गई । सूरत सेशंस कोर्ट ने ३५ गवाह, मेडिकल सबूत, एफएसएल सबूत, सीसीटीवी फूटेज सहित के सबूत के आधार पर आरोपी अनिल यादव को फांसी की सजा सुनाई गई थी । बच्ची की मां ने भी फैसले का स्वागत किया और बेटी को न्याय मिलने की भावना व्यक्त की है ।
इस केस में गुजरात सरकार को केस जल्दी चलाने के लिए सूचना दी गई और कोर्ट ने सिर्फ नौ महीने में केस चलाकर जल्दी फैसला देने से न्यायतंत्र में भी इसे ध्यान में लिया गया है । इस केस की यह जानकारी है कि, गोडादर में रहता आरोपी अनिल यादव गत १५.१०.२०१८ को अपने घर के निकट रहती तीन वर्षीय बच्ची को अपने रुम में ले गया था और मासूम के साथ बलात्कार करके इसकी हत्या कर दी और बाद में मासूम बच्ची की लाश को थैली में भरकर अपने रुम को बाहर से ताला लगा दिया था और खुद वतन बिहार के नंदुरबार भाग गया था । इस केस में पुलिस ने अपराध दर्ज करके खोजबीन शुरू कर दी और आखिर में आरोपी बिहार से गिरफ्तार किया गया था । सीसीटीवी फूटेज जांचने के बाद आरोपी की पहचान हुई थी और बच्ची की लाश भी आरोपी के रुम में मिली थी । इसके बाद कोर्ट में केस चला और सरकार के आदेश की वजह से स्पीड ट्रायल का प्रयास किया गया था । संबंधित समय में सरकार ने तो दो ही सप्ताह में केस का समाधान का आदेश दिया गया था । रेप और हत्या बाद बच्ची की लाश थैले में भरकर अपने घर में ही रखने के बाद सोसाइटी में बच्ची के मां-पिता और अन्य के साथ आरोपी अनिल बच्ची को खोजन का नाटक करता था । धारा-३७६ के केस में हाल में ही संशोधन किया गया है । जिसकी वजह से बच्चियों पर बलात्कार के केस में फांसी हो सकती है । जिसकी वजह से यह केस में बच्ची पर बलात्कार करने के बाद इसकी हत्या करने वाला आरोपी अनिल यादव को फांसी की सजा दिए जाने का सरकारी वकील ने बताया है ।