तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया और अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। तीन तलाक बिल का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) जीतन राम मांझी ने विरोध किया है। मांझी ने इस बिल को इस्लाम धर्म में हस्तक्षेप बताते हुए कहा कि इससे धार्मिक अनुयायी असुरक्षित होंगे। इससे एकता और अखंडता को भी खतरा है।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ धीरेंद्र मुन्ना ने जेडीयू पर निशाना साधते हुए कहा कि गुड़ खाए गुलगुले से परहेज की कहावत को नीतीश कुमार ने चरितार्थ किया है। तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी जेडीयू के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
राज्यसभा ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।