अमेरिका की डैमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार ने गूगल पर ५० मिलियन डॉलर का मुकदमा किया है । गूगल पर तुलसी ने यह मुकदमा उनके २०२० चुनाव प्रचार के साथ भेदभाव करने और उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को बाधित करने का आरोप लगाते हुए किया है ।
भारतीय मूल की तुलसी अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सदस्य हैं । ३८ साल की गैबार्ड की पहचान इराक युद्ध में उनके कुशल अभियान के लिए रही है । हवाई से २०१३ से २ बार सांसद चुनी गईं तुलसी ने अपने लास एंजिलिस की कोर्ट में मुकदमा दायर किया ।
फेडरल कोर्ट में दाखिल मुकदमे में उन्होंने आरोप लगाया कि गूगल ने उनके अभिव्यक्ति की आजादी को बाधित किया । गूगल ने जून में उनके पहले डैमोक्रेटिक डिबेट के बाद उनके कैंपेन से जुड़े अडवरटाइजिंग अकाउंट को कुछ देर के लिए सस्पेंड कर दिया था । तुलसी की कैंपेन कमिटी का कहना है कि गूगल ने उनके कैंपेन अडवरटाइजिंग अकाउंट को ६ घंटे के लिए २७ जून को सस्पेंड कर दिया था । २८ जून को भी उनके अकाउंट के साथ यह घटना दोहराई गई । अकाउंट सस्पेंड होने के कारण आम नागरिकों तक उनकी पहुंच को और उन्हें मिलनेवाले चंदे की रकम काफी प्रभावित हुई । कानूनी पत्र में गूगल के बारे में तुलसी की कैंपेन कमिटी ने लिखा, गूगल के इस भेदभावपूर्ण रवैया गैबार्ड के प्रचार को प्रभावित किया । इसने देश भर के नीति निर्धारकों को चिंतित कर दिया है । कंपनी अपनी क्षमता का प्रयोग राजनीतिक मतभेद के लिए कर रही है और यह एक तरीके २०२० के राष्ट्रपति चुनाव को भी प्रभावित करनेवाला है ।
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