अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की मौजूदगी वाले बयान को लेकर इमरान खान जहां अपने देश में विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं वहीं अब भारत ने भी इस मसले पर उन्हें आड़े हाथों लिया है । भारत ने कहा है कि जब इमरान ने पाकिस्तान में आतंकियों की मौजूदगी और उनकी ट्रेनिंग की बात स्वीकार की है तो उनके खिलाफ ऐक्शन दिखावे के लिए नहीं बल्कि विश्वसनीय हो । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों से कहा, चूंकि पाक पीएम ने आतंकियों की मौजूदगी, उनकी ट्रेनिंग और फिर लड़ाई के लिए कश्मीर भेजने की बात स्वीकार की है, अब समय आ गया है कि वह पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाके में मौजूद आतंकी शिविरों पर सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि विश्वसनीय कार्रवाई करें । उन्होंने कहा, पाकिस्तान वह काम करे जो हम उनको सालों से कह रहे हैं । पाकिस्तान ऐक्शन ले और वह सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होना चाहिए ।
उल्लेखनीय है कि इमरान ने तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान में ४० आतंकी संगठन सक्रिय थे । यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान की पूर्ववर्ती सरकारें पिछले १५ सालों से अमेरिका को आतंकवाद के नाम पर गुमराह करती रही हैं । विदेश मंत्रालय ने भरोसा जताया है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव से राजनयिक स्तर का संपर्क हो पाएगा । रवीश कुमार ने कहा, हमें उम्मीद है कि कुलभूषण जाधव को आईसीजे (इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) के जजमेंट के आधार पर पूर्ण राजनयिक ऐक्सेस मिलेगा । हम पाकिस्तान में मौजूद अधिकारियों के संपर्क में है और जैसे ही इस संबंध में जानकारी मिलेगी हम आपको सूचित करेंगे । बता दें कि पिछले सप्ताह कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई करते हुए आईसीजे ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी है और साथ पाकिस्तान को आदेश दिया है कि वह उन्हें राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए । आईसीजे अपने आदेश में कहा कि भारत को राजनयिक पहुंच न देकर पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है ।