ब्रिटेन में हुए मध्यावधि चुनाव के नतीजे त्रिशंकु रहे है । टरीजा मे के मध्यावधि चुनाव कराने का दांव उनपर उल्टा पड गया है और उनकी कंजरवेटिव पार्टी बहुमत का आंकडा नहीं छु पाई है । शुक्रवार को हुई मतगणना में हालांकि कंजरवेटिव सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी है । अब टरीजा के समय से तीन साल पहले चुनाव कराने पर सवालो से जुझना पड रहा है । बहुमत से दुर रहने के कारण अब उनपर इस्तीफे का दबाव भी बढ रहा है । हालांकि टरीजा मे ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है । २०१५ में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को ३३१ सींटें मीलि थी और उसके पास बहुमत का आंकडा था । इस चुनाव को ब्रेग्जिट चुनाव के तौर पर देखा जा रहा था और इस परिणाम को उन ४८ प्रतिशत लोगो के लिए उम्मीद की किरण समझा जा रहा है । जिन्होंने जुन २०१६ में हुए जनमत संग्रह में युरोपीय संघ में बने रहने के लिए वोट दिया था । टरीजा ने जटिल बे्रग्जिट वार्ता में अपनी स्थिति मजबुत करने के प्रयास के तहत निर्धारित समय से तीन साल पहले चुनाव कराए थे । हालांकि कंजरवेटिव पार्टी ब्रिटेन की ६५० सदस्यीय संसद के लिए हुए चुनाव में सबसे बडी पार्टी बन कर उभरी है, लेकिन जेरेमी कार्बिन के नेतृत्व में विपक्षी लेबर पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद टरीजा के अपने पद पर बने रहने को अपमानजनक बताया जा रहा है । ब्रितानी मीडिया के अनुसार परिणाम टरीजा के लिए अपमानजनक है । ब्रेग्जिट वार्ता १९ जुन को आरंभ होनी है, लेकिन दोनो बडी राजनीतिक दलो के भाग्य के एक तरह से पलटने से इस वार्ता कार्यक्रम को लेकर अनिश्वितता पैदा हो गई है । अब तक की मतगणना में कंजरवेटिव ने कुल ६५० सदस्यीय संसद में ३१३ सीटें जीत ली है और लेबर को २६० पर जीत हासिल हुई है । वही लिबरल डेमोक्रैटिक को १२, एसएनपी को ३५ सीटें हासिल हुई है । बहुमत का आंकडा ३२६ सीटो का है । इस चुनाव में कंजरवेटिव और एसएनपी को सीटो का नुकसान झेलना पडा है । २०१५ में हुए आम चुनाव में कंजरवेटिव को ३३१, लेबर को २३२, लिब डेम को ८ और एसएनपी को ५६ सींटो हासिल हुई थी । हालांकि, टरीजा साउथ ईस्ट इंगलैड की अपनी सीट जीत गई है । उन्हें ३७,७८० वोटो से जीत हासिल हुई है । पार्टी के बहुमत हासिल न कर पाने के कारण अब उनपर इस्तीफे का दबाव है । एग्जिट पोल में कंजरवेटिव को ३१८ सींटे, लेबर को २६७ सीटे मिलने का अनुमान लगाया गया था ।