कांकरिया बालवाटिका में डिस्कवरी राइड टूट जाने के राज्यभर में सनसनी मचाने वाले केस में भाजपा के पूर्व कॉर्पोरेटर महेन्द्र पटेल के भाई उनका पुत्र सहित सभी छह आरोपियों की जमानत अर्जी मंगलवार को एडिशनल सेशंस जज वीजे. कलोत्रा ने सख्त रवैये के साथ खारिज कर दिया और आरोपियों को फिलहाल के समय में जमानत देने से साफ मना कर दिया है । सेशंस कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से बताया है कि, आरोपियों के विरूद्ध गंभीर प्रकार की लापरवाही का पहला मामला बनता है और केस की जांच अभी चालू है और नाजूक दौर में है तब आरोपियों को जमानत नहीं दिया जा सकता है । सेशंस कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए गए आरोपियों में पूर्व कॉर्पोरेटर महेन्द्रभाई पटेल के भाई घनश्याम कानजी पटेल (संचालक), उनका पुत्र भावेश घनश्याम पटेल (संचालक), तुषार मधुकात चौकसी (मैनेजर), यस उर्फ विकास उर्फ लाला महेन्द्रभाई पटेल (राइड ऑपरेटर), किशन महंती (राइड ऑपरेटर) और मनीष सतीष वाघेला (हेल्पर) शामिल है ।
आरोपियों की जमानत अर्जी का सख्त विरोध करते हुए सरकारपक्ष की तरफ से मुख्य सरकारी वकील सुधीर बी. ब्रह्मभट्ट ने बताया कि, कांकरिया राइड दुर्घटना में आरोपियों की गंभीर लापरवाही सामने आई है जिसकी वजह से निर्दोष दो व्यक्तियों की मौत हुई थी और २९ से ज्यादा लोग घायल हुए थे । यह एक मानवसर्जित हत्याकांड थी और आरोपियों के विरूद्ध पहला अपराध बनता है । कांकरिया राइड दुर्घटना बाद शुरू की गई जांच में यह जानकारियां सामने आई थी कि, ६ जुलाई को मेइन्टेनस का रिपोर्ट देने के बावजूद भी राइड की योग्य देखभाल नहीं करके, जांच किए बिना कमजोर क्वॉलिटीवाली राइड में लोगों को बिठाने पर घटना हुई थी । इस मामले में आरोपी घनश्याम पटेल और इसका पुत्र भावेश संचालक है । तुषार चौकसी मैनेजर के तौर पर ड्यूटी करते है । यस महेन्द्र पटेल और किशन महंती राइड ऑपरेटर है । जबकि मनीष हेल्पर के तौर पर नौकरी करते है ।