विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अल-कायदा के सरगना अल जवाहिरी की भारत को दी गई धमकी पर प्रतिक्रिया दी है । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ऐसी धमकियां हम सुनते रहते हैं, मुझे नहीं लगता कि हमें इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए । बता दें कि जवाहिरी ने बुधवार को एक विडियो जारी कर कश्मीर में मुजाहिद्दीनों’ से भारतीय सेना और सरकार पर हमले जारी रखने को कहा था । रवीश कुमार ने कहा, हमारे सुरक्षाबल क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम हैं । हमें ऐसी किसी भी धमकी को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है । अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अलकायदा के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी ने एक विडियो मेसेज जारी कर कश्मीर में मुजाहिद्दीनों से कहा था कि वे भारतीय सेना और सरकार पर निरंतर हमले करते रहें । यह मेसेज अलकायदा के मीडिया विंग अल शबाब ने जारी किया था । जवाहिरी ने यह भी बताया कि किस तरह से पाकिस्तान कश्मीर में सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है । अलकायदा की ओर से जारी संदेश का शीर्षक है, कश्मीर को न भूलें । अपने संदेश में जवाहिरी ने कहा, (मैं) समझता हूं कि कश्मीर में मुजाहिद्दीन को वर्तमान स्तर पर केवल भारतीय सेना और सरकार पर हमले पर फोकस करना चाहिए । इससे भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और उसे कामगारों और सामानों की कमी होगी । जवाहिरी ने जहां हाल ही में मारे गए आतंकवादी जाकिर मूसा का जिक्र नहीं किया लेकिन अंसार गजवत-उल-हिंद के इस संथापक की तस्वीर स्क्रीन पर दिखाई दी । मूसा कश्मीर घाटी में अलकायदा का चीफ था । अल-कायदा सरगना जवाहिरी की इस धमकी का कश्मीरी युवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है । इस बात का जीता-जागता उदाहरण इससे नजर आता है कि बुधवार को कही करीब ५५०० कश्मीरी युवा सेना में भर्ती होने के लिए पहुंचे हैं । सेना में शामिल होने आए एक युवा ने कहा, मैं सभी का आह्वान करूंगा कि वे भारतीय सेना में शामिल हों । हालांकि सेना में शामिल होने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्द्धा है, फिर भी मैं लोगों का आह्वान करुंगा कि वे आएं और इसके लिए साइन करें । एक अन्य युवा ने कहा कि उसका हमेशा से ही सपना रहा है कि वह भारतीय सेना में शामिल हो । कश्मीर में बहुत बेरोजगारी है ।