ई-वाहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों में एक हजार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर रुचि पत्र मंगाए जा सकते हैं। योजना को रफ्तार देने के लिए सरकार ने बजट में राशि का भी प्रावधान कर दिया है।
नीति आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारी उद्योग विभाग की तरफ से 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चार्जिंग स्टेशन बनाने की नीति तय कर दी गई है। पहले चरण में 1,000 चार्जिंग स्टेशन के लिए रुचि पत्र मंगाया जा रहा है। इसके लिए फेम-2 योजना के तहत मिली 10,000 करोड़ रुपये की रकम से ही कोष मिलेगा। ये चार्जिंग स्टेशन शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग, औद्योगिक इलाके, ट्रांसपोर्ट नगर आदि में लगाया जाएगा। शुरुआत में संस्थानिक या संगठन के चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। यदि सबकुछ ठीक रहा तो व्यक्तिगत रूप से भी चार्जिंग स्टेशन लगाए जा सकेंगे।
सरकार का मानना है कि बैटरी से चलने वाली कार को आम जनता के बीच तभी बढ़ावा मिलेगा, जब चार्जिंग के लिए नजदीकी व्यवस्था होगी। इस समय संस्थानिक चार्जिंग स्टेशन को ध्यान में रखकर नीतियां बन रही है, जिसमें स्थानीय निकाय, सार्वजनिक उपक्रम और निजी क्षेत्र के उपक्रम सामने आ रहे हैं। मोटर वाहन बनाने वाली कुछ कंपनियां तेल विपणन कंपनियों से समझौता कर रही हैं, ताकि उनके पेट्रोल पंप पर फास्ट चार्जिंग मशीन लगाई जा सके।
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