कांग्रेस के सस्पेन्ड विधायक भगवान बारड की सजा पर गुजरात हाईकोर्ट ने स्टे लगाया है । इसके पहले भगवान बारड को गत मार्च में १९९५ के खनिज चोरी के केस में सूत्रापाडा कोर्ट ने दो वर्ष ९ महीने की सजा सुनाई गई थी । जिसके खिलाप भगवान बारड ने गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी दी थी । जिसकी सुनवाई में हाईकोर्ट ने बुधवार को भगा बारड को बहुत बड़ी राहत दी गई और निचली कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ स्टे जारी किया गया था ।
पहले मार्च महीने में खनिज चोरी के केस में सूत्रापाडा कोर्ट ने कांग्रेस के विधायक भगाभाई बारड को दो वर्ष ९ महीने की सजा सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने भगवान बारड को विधायक पद से सस्पेन्ड दिया गया था । जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने तालाला सीट का उपचुनाव घोषित किया गया था । इसके खिलाफ भगवान बारड हाईकोर्ट में गये थे ।
लेकिन हाईकोर्ट ने बारड की अर्जी खारिज कर दिया । हाईकोर्ट से झटके लगने के बाद भगवान बारड ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी की थी । जहां सुप्रीम कोर्ट ने तालाला सीट के उपचुनाव पर रोक लगा दी थी । इस दौरान भगा बारड ने निचली कोर्ट ने उनको सुनाई गई सजा के खिलाफ राहत के लिए फिर एक बार गुजरात हाईकोर्ट में रिट अर्जी दाखिल की थी । जिसकी सुनवाई में हाईकोर्ट ने बारड की सजा के खिलाफ महत्व का स्टे जारी किया गया था । उल्लेखनीय है कि वर्ष १९९५ के खनिज चोरी के केस में सूत्रापाडा कोर्ट ने भगवान बारड को दो वर्ष ९ महीने की सजा सुनाई गई थी । करीब २५ वर्ष पहले सूत्रापाडा की गौचर जमीन मामले में बारड के खिलाफ २.८३ करोड़ की खनिज चोरी का अपराध दर्ज किया गया था । जिसमें उनको १ मार्च, २०१९ को उपरोक्त सजा सुनाई गई थी ।