जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री तथा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर समस्या की समाप्ति के लिए अगर हुर्रियत के नेता बातचीत के लिए तैयार हैं तो भारत सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए । पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा, हुर्रियत के धड़े के द्वारा कहा जा रहा है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं । अगर हुर्रियत बातचीत के लिए तैयार है तो केंद्र सरकार को इस मौके का फायदा उठाते हुए बातचीत शुरू करनी चाहिए । गौरतलब है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी नेतृत्व, नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कश्मीर समेत सभी मुद्दों के समाधान के लिए त्रिपक्षीय बातचीत की मांग की है । बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में पहले भी बयान देते हुए कहा था कि पीडीपी और बीजेपी गठबंधन का मकसद भारत सरकार और सभी पक्षकारों के बीच वार्ता कराना था ।
उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा करने की काफी कोशिश की, लेकिन अब चैन मिला है कि हुर्रियत ने आखिरकार अपना रुख नरम किया है । गौरतलब है कि मीरवाइज उमर फारूक ने पिछले महीने की शुरुआत में ईद-उल-फितर के खुतबे के दौरान भी भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के उपायों की जरूरत बताई, जो दोनों मुल्कों के बीच बातचीत को पुनर्जीवित कर सके । राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि हुर्रियत ने अपना रुख नरम किया है और वह पिछले साल अगस्त में प्रभार संभालने के बाद बातचीत को तैयार थे । मलिक ने कहा, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस बातचीत के लिए तैयार नहीं थी । रामविलास पासवान (२०१६ में) उनके दरवाजे पर खड़े थे, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार नहीं थे । अब वे बातचीत को तैयार हैं और वार्ता करना चाहता हैं । सबमें बदलाव आया है ।