देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़कर ७० साल हो जाएगी? मोदी सरकार यदि मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन और उनकी टीम की सलाह पर आगे बढ़ती है तो यह संभव है । गुरुवार को राज्यसभा में पेश आर्थिक सर्वे में ऐसा प्रस्ताव रखा गया है । इसके समर्थन में जर्मनी, अमेरिका, यूके, चीन, जापान सहित कई देशों का उदाहरण भी दिया गया है । रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिला और पुरुषों की जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेंटेंसी) लगातार बढ़ रही है । अन्य देशों के अनुभवों के आधार पर पुरुषों और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र में बढ़ोतरी पर विचार किया जा सकता है । यह पेंशन सिस्टम में व्यावहारिकता बढ़ाने की कुंजी है और यह महिला श्रम बल के पुराने आयु समूह में पेंशन की भागीदारी को बढ़ाएगा । रिटायरमेंट उम्र में वृद्धि अनिवार्य है, इसलिए इस परिवर्तन का अडवांस में संकेत देना आवश्यक है ।
इससे पेंशन और अन्य रिटायरमेंट प्रावधानों की अग्रिम योजना में मदद मिलेगी । बढ़ती हुई वृद्ध जनसंख्या और पेंशन फंडिंग पर बढ़ते दबाव के कारण बहुत से देशों ने पेंशन योग्य रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाना शुरू कर दिया है । जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने रिटायरमेंट उम्र को बढ़ा दिया है । कुछ देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया और यूके महिलाओं को पुरुषों से जल्दी सेवानिवृत्त कर देते हैं, लेकिन अब दोनों के रिटायरमेंट की उम्र बराबर करने के लिए उन्होंने नियमों में बदलाव किए हैं ।
सर्वे में कहा गया है कि कई विकसित देशों, जैसे कनाडा, जर्मनी, यू.के. और अमेरिका ने प्री-सेट टाइमलाइन के अनुसार रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाते रहने के संकेत दिए हैं ।
उदाहरण के लिए यूके में २०२० तक राज्य पेंशन उम्र पुरुषों और महिलाओं के लिए ६६ वर्ष हो जाएगी । आगे यूके सरकार २६-२८ में ६७ और २०४४-४६ में ६८ वर्ष करने की योजना बना रही है ।
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