देश में पिछले साल जुलाई से ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी इलाकों की तुलना में महंगाई में कमी की दर अधिक रही है । संसद में गुरुवार को पेश २०१८-१९ की इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि महंगाई दर के मौजूदा दौर की एक खास बात यह है कि ग्रामीण महंगाई के साथ-साथ शहरी महंगाई में भी कमी देखने को मिली है । इकनॉमिक सर्वे में बताया गया कि जुलाई २०१८ से ही शहरी महंगाई की तुलना में ग्रामीण महंगाई में कमी की गति अपेक्षाकृत ज्यादा तेज रही है । इसकी बदौलत मुख्य महंगाई दर भी घट गई । इकनॉमिक सर्वे में कहा गया कि ग्रामीण महंगाई में कमी खाद्य महंगाई के घटने की वजह से आई है । पिछले छह माह (अक्टूबर २०१८ – मार्च २०१९) से खाद्य महंगाई लगातार नीचे आ रही है । रिपोर्ट के मुताबिक एक और खास बात यह है कि ज्यादातर राज्यों में कंज्यूमर प्राइस इडेक्स पर आधारित महंगाई में गिरावट आई है । वित्त वर्ष २०१८-१९ के दौरान २३ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में महंगाई की दर चार प्रतिशत से नीचे थी । वहीं वित्त वर्ष के दौरान १६ राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में महंगाई की दर ऑल इंडिया एवरेज से कम आंकी गई । इस दौरान दमन और दीव में महंगाई दर न्यूनतम रही और इस लिहाज से इसके बाद हिमाचल प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश का नंबर आता है ।