जिस तरीके से भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट लगातार जारी रहेगा और वहां कोई भी नरमी नहीं बरती जाएगी उसी तरीके से नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सुरक्षा बलों का जो ऑपरेशन है वो भी लगातार जारी रहेगा। नक्सल प्रभावित इलाकों में भारत सरकार की यह पहले से ही नीति रही है लेकिन 2 जुलाई को गृह सचिव की बैठक ने भारत सरकार की इस नीति को और धार दे दी है कि जितनी तेजी से ऑपरेशन चलेगा उतनी ही तेजी से उन इलाकों में विकास कार्य भी होंगे।
पिछले 5 सालों में नक्सल प्रभावित जिलों की तादाद 126 से घटकर 82 पहुंच चुकी है।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने पिछले 5 सालों में जो ऑपरेशन चलाया था जिससे उनको बड़ा नुकसान झेलना पड़ा और उनका इलाका सिमटता गया। भारत सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क बनाने का काम पहले से ही कर रही थी। लेकिन अब सड़क के साथ साथ मूलभूत सुविधाओं पर भी जोर दिया जाएगा। नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी ने जो फीडबैक गृह मंत्रालय को दिया है उसके मुताबिक सबसे ज्यादा जरूरत इन इलाकों में अच्छे मोबाइल नेटवर्क की है।
इसके तहत इन राज्यों में न केवल मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाई जाएगी बल्कि हाई क्वालिटी केबल भी दूरदराज के इलाकों में बिछाई जाएगी। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा के अलावा मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार में भी सरकार इसी नीति के तहत काम करेगी।