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२०२० के साल से ननिहाल में भांजे -भांजी के दो मामेरा होंगे

अहमदाबाद शहर में वर्षों से निकलती भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा में परंपरा के अनुसार, भगवान के ननिहाल ऐसे सरसपुर के रणछोडजी मंदिर में पहले से रजिस्ट्रेशन हुए और जिनका नंबर लगा हो वह यजमान द्वारा भव्य मामेरा किया जाता है और ननिहाल में भगवान जगन्नाथजी, बहन सुभद्राजी और भाई बलराम को सोना-चांदी के गहने, अलंकारिक वस्त्रों, पार्वती श्रृंगार सहित का सजावट-श्रृंगार अर्पित किया जाता है लेकिन अब २०२० से सरसपुर में भलाभगत की पोल में स्थित पौराणिक रणछोडरायजी मंदिर से भी कई साधु-संतों की तरफ से भी उनका अलग मामेरा भगवान जगन्नाथजी, बहन सुभद्राजी और भाई बलराम के लिए किया जाएगा । यह ऐतिहासिक और नई धार्मिक परंपरा की घोषणा सोमवार को सरसपुर में भलाभगत की पोल में स्थित रणछोडजी मंदिर के महंत लक्ष्मणदास महाराज गुरु वासुदेवजी महाराज द्वारा की गई थी ।
इस तरह, अब अगले साल से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दिन सरसपुर के ननिहाल में भांजे-भांजी के लिए दो मामेरा किया जाएगा । इस मामले में भलाभगत की पोल में स्थित रणछोडराय मंदिर के महंत लक्ष्मणदास महाराज गुरु वासुदेवजी महाराज ने बताया कि, हर वर्ष सरसपुर के रणछोडरायजी मंदिर में लोग रजिस्ट्रेशन कराकर रथयात्रा के दिन मामेरा के यजमान बनते हैं और भगवान को वर्षों से यह मामेरा अर्पित होता आया है लेकिन अब अगले साल से यानी कि, २०२० से सरसपुर में भलाभगत की पोल में स्थित रणछोडराय मंदिर से साधु-संतों द्वारा भी मामेरा किया जाएगा । इस तरह अगले साल से भगवान जगन्नाथजी, बहन सुभद्राजी और भाई बलराम को साधु-संतों और यजमान द्वारा दो अलग-अलग मामेरा अर्पित किया जाएगा । साधु-संतों के मामेरा करने के पीछे महंत लक्ष्मणदास महाराज गुरु वासुदेवजी महाराज ने बताया कि, पिछले कई वर्षों से सरसपुर की कई पोल के स्थानीय निवासियों और रथयात्रा में भारतभर से आते अन्य साधु-संतों की इच्छा थी कि, साधु-संतों द्वारा भी भगवान का अलग मामेरा अर्पित किया जाए ।

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