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ईद पर मिठाईयां: क्या पाकिस्तान से दुश्मनी सिर्फ चुनाव तक ही थी..?

पुलवामा आतंकी हत्या के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा माहौल और उन्माद बनाया गया की चंबल के पूर्व डकैत भी कहने लगे की हमें बंदूकें दीजिये फिर देखो हम पाकिस्तान की क्या हालत करते है…! कश्मिर में टुरीस्टो को नहीं भेजने का निर्ण लिया गया, भाजपा के नेता और मेघालय के राज्यपाल तथागत रोय ने तो कश्मिर और कश्मिरीयों का बायकोट करने को कहा था। त्यौहारो पर भारत पाकिस्तानी सौनिकों को मिठाइयां नहीं देने की घोषणा हुई और ईद आते ही अटारी बोर्डर पर क्या देखने को मिला..? भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान की सेना को ईद मुबारक और मिठाईयां के टोकरीयां दी गई…! अब ऐसा तो हो नहीं सक्ता की सेना ने सरकार से पूछे बगैर हा ये कदम उठाया हो। दिल्ही से ही कहा गया होगा की पाकिस्तान सेना को भारत की और से मिठाईयां दी जाय। पुलवामा आतंकी हमला या पाकिस्तान के साथ क्या सिर्फ लोकसभा चुनाव तक ही दुश्मनी थी..?
ये सवाल करना कोई देशद्रोह का काम तो नहीं हो सकता। पुलवामा हमले के बाद तो भारत की मिडिया के एक समूह ने कीसी के आशिर्वाद से पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया की राष्ट्रवाद सतह पर आ गया…कौन सब से ज्यादा राष्ट्र भक्त और कौन पाकिस्तान से भारत को बचायेंगा इसकी स्पर्धा चली। पाकिस्तान से सिर्फ एक ही बचा सकता है और वह है…..नाम कहने की जरूरत है क्या…?! चुनाव खतम…राष्टरवाद भी खतम और पाकिस्तान अब दुश्मन नहीं दोस्त हो गया….? क्या कीसी देश के हमले को इतनी सहजता से माफ किया जाना चाहिये…? क्या भारत की सेना के अटारी बोर्डर पर तैनात अफसरों ने अपने आप निर्णय लेते हुये पाकिस्तान को ईद मुबारक कहा और मिठाईयां बांटी…? क्या ये अफसर उन 40 जवानो की शहादत तो इतनी जल्दी भूलगये….?
मिडियाने ये मिठाइयां बांटने की घटना को इस तरह से दिखाया मानो दोनो देश पुराने मित्र हो। और मानो पुलवामा जैसा कुछ हुआ ही नही। कीसी ने ये नहीं बताया की क्या पुलवामा के बाद जो सरकार ने कहा था पाकिस्तान के खिलाफ वह क्या था…! पाकिस्तान को भारत सरकार के कीसी नुमाइंदे ने इद मुबारक नहीं कहा लेकिन अटारी की अटरिया पर जो हुवा वह कतई ठीक नही। यदि भारत सरकारने पाकिस्तान को माफ कर दिया तो फिर पाकिस्तान के साथ कारोबार भी शूरू हो ताकि भारत के व्यापार को लाभ मिले। राजनितिक तौर पर तो पाकिस्तान का लाभ ले लिया गया और चुनाव के बाद सबकुछ भूल गया….याद नहीं अब कुछ….लेकिन भारत को क्या पाकिस्तान को माफ कर देना चाहिये….अटरी पर मिठाइयां बांटने का मतलब ही ये निकलता है की भारत ने पुलवामा के लिये पाकिस्तान को माफ कर दिया, दुश्मनी सिर्फ चुनाव तक ही थी ऐसा मान लेना चाहिये…? अभी पुलवामा को 6 महिने भी नहीं हुये, शहिदों के परिवार का दर्द भी कम नहीं हुआ होंगा और उसी पाकिस्तान को भारत त्यौंहार की मुबारकबादी दे..ये कुछ हजम नहीं हुआ प्रबुध्ध नागरिको के मन में. चलो..मान ले के भारत नें माफ किया तो अब भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से बातचीत का दौर शूरू हो..! तो कब और कहां दों देशो के मुखियां मिलेंगे ये भी सार्वजनिक हो। ऐसी दिवानगी देखी नहीं कही….ऐसी दुश्मनी देखी नहीं कहीं…!!

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