सूरत के सरथाना जकातनाका में स्थित तक्षशिला आर्केड में गत २४ मई को लगी आग में २३ विद्यार्थियों की मौत मामले में सूरत पुलिस कमिशनर सतीष शर्मा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि, सूरत अग्निकांड में दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल), सूरत महानगरपालिका और फायर विभाग की स्पष्ट लापरवाही सामने आई है । सूरत पुलिस कमिशनर ने यह आश्वासन दिया है कि, यह पूरे मामले में शामिल रहे और जिम्मेदारों को किसी भी परिस्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा । हालांकि, सूरत सीपी के इस खुलासे बाद पूरे मामले में सनसनी मच गई है । दूसरी तरफ, सूरत क्राइम ब्रांच ने इस केस में जांच के तहत सूरत महानगरपालिका के चार अधिकारियों को समन्स भेजे जाने से सनसनी मच गई है । सूरत अग्निकांड में २३ निर्दोष विद्यार्थियों की मौत को लेकर एक तरफ चौतरफा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है तब दूसरी तरफ, यह दुर्घटना में प्रशासन की लापरवाही थी यह जांच में सामने आया है । डीजीवीसीएल, सूरत महानगरपालिका और और फायर विभाग की लापरवाही से मौत का आंकड़ा २३ तक पहुंच गया था यह चौंकाने वाला खुलासा सूरत पुलिस कमिशनर सतीष शर्मा ने किया था । सूरत सीपी ने आगे बताया कि, आग की घटना के बाद पुलिस ने पहले ही मनुष्य वध का अपराध दर्ज कर लिया था । इस मामले में शुरू की गई जांच के दौरान शामिल रहे सभी प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है और ऊपरी अधिकारी अपने लोगों को बचाने के प्रयास कर रहे है लेकिन पुलिस ने ऊपरी अधिकारियों को कड़ी सूचना दे दी है, यदि आप किसी को बचायेंगे तो आपको शिंकजे में लाया जाएगा । सूरत सीपी शर्मा ने बताया कि, तक्षशिला आर्केड की घटना को ४०० पेज का रिपोर्ट डीजीवीसीएल ने तैयार किया गया है । जिसका पूरा अभ्यास किया गया है । तक्षशिला में एक भी एसी नहीं है यह रिपोर्ट में उल्लेख है । जबकि जांच में सामने आया है कि, तक्षशिला में २५ एसी चल रहे थे और एसी की वजह से ही आग लगी थी ।
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ