बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बार-बार दुष्कर्म करने के दोषी को उम्रकैद अथवा मौत की सजा देने के लिए आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा में किए गए संशोधन की संवैधानिकता की पुष्टि की। इससे लोअर परेल के शक्ति मिल सामूहिक दुष्कर्म मामले में मौत की सजा पाए तीन दोषियों को तगड़ा झटका लगा है। तीनों ने मामले में आईपीसी की धारा 376 (ई) की संवैधानिकता को चुनौती दी थी।
यह धारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में दिल्ली में 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद जोड़ी गई थी। इसे कानून में बदलाव पर विचार के लिए गठित की गई न्यायमूर्ति जे.एस वर्मा समिति की अनुशंसा पर जोड़ा गया था। दुष्कर्म पीड़िता की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस धारा के तहत बार-बार दुष्कर्म के दोषियों को आजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड की मंजूरी देने का प्रावधान किया गया था।