महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मेडिकल की एक छात्रा ने कथित रूप से रैगिंग और मानसिक प्रताड़ना के बाद फांसी लगाकर जान दे दी । पुलिस ने मामले में तीन डॉक्टर स्टूडेंट्स के खिलाफ केस दर्ज किया है । घटना की जांच जारी है और किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है । मृतक छात्रा के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि तीन सीनियर डॉक्टर उनकी बेटी का मानसिक उत्पीड़न करते थे और उस पर जातीय टिप्पणी करते थे । उन्होंने आरोपियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और रैगिंग से संबंधित धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की । २६ वर्षीया डॉ. पायल तडवी मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में एमडी की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी । महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के एक प्रतिनिधि ने बताया कि तडवी ने दिन में तीन सर्जरी की और उस वक्त वह बिल्कुल भी तनाव में नहीं दिख रही थीं । इसके बाद वह अपने कमरे पर गईं और ३-४ घंटे बाद उनका शव बरामद किया गया । इसके बाद अस्पताल प्रशासन से पुलिस को सूचित किया । मृतका के कजिन नीलेश तडवी ने बताया कि उन्होंने उसे तीन सीनियरों के बारे में बताया था जो उसे इसलिए मेंटली टॉर्चर करते थे क्योंकि वह लोअर कास्ट से थी । अस्पताल प्रशासन ने इस बाबत कहा है कि यह घटना उनके लिए हैरान करने वाली है । उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी है कि पीड़ित छात्रा ने इसकी शिकायत किसी अध्यापक या फिर ऐंटी-रैगिंग कमिटी से क्यों नहीं की? प्रशासन ने कहा कि मामले की जांच को पुलिस को सौंप दिया गया है । ऐंटी-रैगिंग पैनल भी मामले को देख रहा है । हालांकि, प्रशासन ने तीनों आरोपियों के खिलाफ किसी कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की है ।