गुजरात के वन विभाग ने गिर में एक शेरनी का सड़ा-गला शव बरामद किया है । उसकी मौत के कारणों का हालांकि अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन उसके तीन शावकों की तलाश की जा रही है ।
गिर के तलाल में अंबलाश क्षेत्र के एक किसान खीमाभाई मंसीभाई भोला ने गुरुवार को अपने खेत में इस मरी हुई शेरनी को देखा । इसके शावकों के बारे में पता लगाया जा रहा है । इससे पहले गिर के जंगलों में खतरनाक कैनाइन डिस्टेंपर वायरस और प्रोटोजोआ संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में मौत हो गई थी ।
इससे पहले अक्टूबर महीने में खतरनाक वायरस से २४ गिर शेयर जान गंवा चुके हैं । अमरेली जिले में कुल २६ शेरों वाले अभयारण्य का केवल २० दिनों में लगभग सफाया हो गया था । इनमें से कुछ शेर खतरनाक कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) से ग्रसित पाए गए थे । मौजूदा मामला वन विभाग के अदिकारियों के बीच चिंता का सबब बना हुआ था । जानकारी के अनुसार १२ से १६ सितंबर के दौरान मरनेवाले ४ शेर भी कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) का शिकार थे ।
गुजरात के वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत वसावा ने बताया था कि नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी पुणे की शुरुआती रिपोर्ट में चार शेरों में घातक वायरस सीडीवी की पुष्टि हुई है । हम दूसरे शेरों में संभावित सीडीवी पाए जाने की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं । वायरस के फैलने के बाद एहतियात के तौर पर वन विभाग ने सेमरडी इलाके के पास सरसिया से ३१ शेरों को हटाकर जामवाला ने रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट किया गया था ।
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