अयोध्या मामले में हिंदू संगठनो, संतो द्वारा धर्म सभा कर मोदी सरकार पर अध्यादेश लाने का दबाव बनाया गया है, लेकिन ऐसा होने के संकेत नहीं मिल रहे है । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि सरकार अगले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करेगी । शाह ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसकी सुनवाई तक हमें इंतजार करना चाहिए । बीजेपी अध्यक्ष का यह बयान शायद इसी ओर इशारा कर रहा है कि सरकार ने अबतक अध्यादेश की मदद से अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर निर्माण का फैसला नहीं किया है । अमित शाह ने दावा किया है कि बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, तीनों राज्यों में अपनी सत्ता बचा लेगी । शाह ने बीजेपी सरकारों के खिलाफ पैदा हो रहे असंतोष के दावों को भी खारिज किया है । उन्होंने कहा कि इन राज्यों के चुनाव परिणाम पीएम मोदी की छवि को मजबूत करेंगे और २०१९ का चुनाव भी हम जीतेंगे । अयोध्या मामले में शाह ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में ही आएगा ।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि यह मामला कोर्ट में ९ सालों से लंबित है इसके बावजूद कांग्रेस ने इसकी सुनवाई २०१९ के चुनावों तक टालने की मांग की थी । इससे पहले पीएम मोदी ने भी यही आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस जजों को महाभियोग से डराती है । अमित शाह ने अयोध्या पर पूछे गए सवाल पर कहा कि यहां राम मंदिर का निर्माण उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है । शाह ने कहा, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और हमें इसकी सुनवाई के लिए जनवरी तक इंतजार करना चाहिए । हालांकि यह भी समझना चाहिए कि यह मामला ९ सालों से लंबित है और अभी भी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मांग की थी कि सुनवाई २०१९ के चुनावों के बाद होनी चाहिए । कांग्रेस नेता सीपी जोशी के राम मंदिर पर दावे और शिवसेना के दबाव के सवाल पर भी शाह ने जवाब दिया । अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को झुठे दावे करने से बचना चाहिए । उन्होंने शिवसेना पर कहा कि हम दो अलग पार्टियां हैं, लेकिन हमारे बीच गठबंधन है । शाह ने दावा किया कि किसी भी मुद्दे पर शिवसेना के साथ कोई विवाद नहीं है । बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी ने दावा किया था कि राम मंदिर का निर्माण केवल कांग्रेस ही करा सकती है ।