नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच इस समय जबरजस्त तनाव है। दोनों सेनाओं के बीच कई जगहों पर दूरी 500 मीटर से भी कम है। इस बीच चीन ने भारत से सटते सीमा पर भारी संख्या में टैंक, तोप, मिसाइल और लड़ाकू विमान और युद्धक साजोसमान भारी संख्या में तैनात और इक्टठा कर रहा है। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने भी बड़ी संख्या में तैयारी की है। जी हां लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन एक तरफ शांति की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ सेना की तैनाती भी बढ़ा रहा है। चीनी सेना भारत के साथ इन दिनों दिन-प्रतिदिन बढ़ते तनाव के बीच तिब्बत में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रही है।
बुधवार को चीनी सेना के एलीट कमांडो टीम ने ऑर्म्ड पैराशूट ड्रिल में हिस्सा लिया। इसमें शामिल जवानों ने समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर जहाज से पैरा जंपिंग की। हांगकांग के सैन्य विशेषज्ञ सांग झोंगपिंग ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पोल खोलते हुए कहा कि चीन ने अपनी सेना की अलग-अलग इकाइयों से पैराशूट ट्रेनिंग के लिए स्पेशल फोर्स को बुलाया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि चीन संभावित युद्ध की तैयारी कर रहा है। उधर भारतीय फौज पहले से ही माउंटेन वॉरफेयर और ऊंचाईयों पर युद्ध लड़ने में माहिर है। उन्होंने चीनी सेना की पोल खोलते हुए कहा कि उनके सैनिक इस इलाके में रहने के आदि नहीं हैं। अगर अत्याधिक ऊंचाई वाले इलाके में एयरड्राप किया गया तो पतली हवा होने के कारण इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यहां तैनात हथियारों को भी ऊंचाई और परिस्थिति के हिसाब से चीनी सेना को ढालना पड़ेगा।
उधर चीनी सरकारी मीडिया सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत मिलिट्री एरिया कमांड के एक विशेष ऑपरेशन ब्रिगेड और ऑर्मी एविएशन ब्रिगेड ने मिलकर स्पेशल पैरा कमांडो टीम को हाई एल्टीट्यूड से जंप करने की ट्रेनिंग दी। इस रिपोर्ट में ट्रेनिंग की जगह का खुलासा नहीं किया गया है। इस अभियान में अबतक 300 सैनिकों को ट्रेनिंग दी गई है। सीसीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में भारत के साथ तनाव का जिक्र नहीं किया। लेकिन, उसके रिपोर्ट का पूरा सार तिब्बत क्षेत्र में चीनी पीएलए को मजबूती देना रहा। PLA के सेंट्रल थिएटर कमांड के एक आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर शियान Y-20 एयरलिफ्ट जहाज की तस्वीर पोस्ट की गई है। इनके साथ तीन शियान H-6 स्ट्रेटजिक बॉम्बर भी उड़ान भरते दिखाई दे रहे हैं।
सीसीटीवी ने अगस्त में ही एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के Y-20 एयरलिफ्ट जहाजों की सहायता से पैराट्रूपर्स की टीम और उनके भारी साजो सामान को पहले ही भारत से लगी सीमा पर पहुंचाया जा चुका है। इसमें 107 मिलीमीटर के मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर शामिल थे। इनकी रेंज 8 किलोमीटर की मानी जाती है। ये हथियार पैराट्रूपर्स की पहली पसंद माने जाते हैं, क्योंकि वजन में हल्के होने के कारण इन्हें आसानी से कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
भारत और चीन के बीच तनाव वाला इलाका अत्याधिक ऊंचाई पर स्थित है। इन इलाकों में आवागमन के साधन और रास्तों का भी अभाव है। ऐसे में अगर युद्ध जैसी परिस्थितियां बनती हैं तो जल्द से जल्द सैनिकों की तैनाती हवाई मार्ग से ही की जा सकती है। ऐसे में हर देश अपनी सेना में एक खास पैराशूट ब्रिगेड जरूर रखती है। इसमें शामिल जवान अत्याधिक ऊंचाई से पैराशूट के सहारे मिशन वाले इलाके में जल्द से जल्द पहुंच सकते हैं।